पुलिस ने दुष्कर्म Rape पीड़िता के भ्रूण का जैविक पिता पता करने के लिए दो लोगों का डीएनए कराया था। चचेरे भाई के डीएनए से भ्रूण के डीएनए का मिलान हुआ है। पुलिस ने चचेरे भाई के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कर गिरफ्तार भी कर लिया है।
दतिया के सिविल लाइन थाने में सोनू परिहार के खिलाफ पीड़िता द्वारा दुष्कर्म का केस दर्ज कराया गया था। वर्ष 2021 में पीड़िता के पिता ने नाबालिग बताते हुए गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी। इधर पुलिस ने आरोपित को आठ फरवरी 2021 को गिरफ्तार कर लिया था। उसकी ओर से हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर तर्क दिया गया कि दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग नहीं है। पीड़िता व पिता ने आरोपों की पुष्टी नहीं की है, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए।
गर्भपात का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा था कि दुष्कर्म पीड़िता ने झूठ बोलकर गर्भपात की अनुमति ली है। साथ ही दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जन्म से पहले ही किसी नवजात की हत्या करा दी। कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए दुष्कर्म पीड़िता व उसके पिता पर अवमानना का केस दर्ज किया है।
जब भ्रूण की डीएन रिपोर्ट आई तो वह सोनू परिहार से मिलान नहीं हुई। भ्रूण की जैविक मां दुष्कर्म पीड़िता निकली, लेकिन जैविक पिता सोनू नहीं था। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि भ्रूण के जैविक पिता का पता किया जाए। पुलिस ने दो संदिग्ध लोगों के डीएनए लिए, जिसमें चचेरे भाई के डीएनए से भ्रूण का डीएनए का मिलान हुआ।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मामला काफी दयनीय स्थिति को दर्शाता है। कुछ लोग करीबी रिश्तेदार से सहमति से शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं और अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए कानून का दुरुपयोग करते हैं।