शिवपुरी। कहावत है जाको राखे साइयां मार सके न कोय फिर जब नशा शराब का हो तो क्या कहने.. शराब कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करवा सकती है। नशे में धुत व्यक्ति केवल हिंसा नहीं करता बल्कि कई बार आत्मघाती काम भी करता है। लक्खू आदिवासी नशे में धुत रेल की पटरी के बीच में सो गया। ऊपर से पूरी ट्रेन निकल गई। खरोच आना तो दूर की बात लक्खू को होश तक नहीं आया। मामला शिवपुरी जिले का है।
गुना-ग्वालियर पैसेंजर ट्रेन शाम करीब 4:30 बजे कोलारस स्टेशन से शिवपुरी की तरफ जा रही थी कि तभी खोकर रेलवे स्टेशन के पास पायलट प्रहलाद मीणा को एक व्यक्ति रेलवे ट्रैक पर लेटा हुआ दिखाई दिया। प्रोटोकॉल के अनुसार ट्रेन को इमरजेंसी में रोका गया परंतु तब तक पूरी ट्रेन उस व्यक्ति के ऊपर से गुजर चुकी थी।
ट्रेन के रुकने के बाद ऑन ड्यूटी ASI RPF हीरा सिंह और आरक्षक जितेंद्र एवं आशीष उतर कर घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा कि 65 वर्षीय व्यक्ति ठीक उसी प्रकार सो रहा है जैसा कि ट्रेन के गुजरने से पहले सो रहा था। उसे एक खरोंच तक नहीं आई थी। नियमानुसार उसे पटरी से उठाकर ट्रेन में बिठाया गया और अस्पताल लाया गया। चेकअप करने के बाद डॉक्टर ने उसे पूरी तरह से तंदुरुस्त बता कर डिस्चार्ज कर दिया। उसने अपना नाम लक्खू आदिवासी पुत्र गणेश आदिवासी निवासी मानिकपुरा बताया है