जल्द ही हवाई अड्डों और स्टेशनोंं पर कोरोना संक्रमितों की चेकिंग के लिए सैंपल नहीं लिये जाएंगे। बस एक कुत्ता आपको सूंघेगा और फिर पता चल जाएगा कि और कोरोना संक्रमित हैं या नहीं। आपको ये बात हैरान कर रही होगी कि एक कुत्ता कैसे शरीर में मौजूद वायरस को सूंघ सकता है। लेकिन इससे जुड़ी एक स्टडी में ये बात सही साबित हुई है। प्रशिक्षित कुत्तों ने इस मामले में लगभग RT-PCT टेस्ट जितनी कामयाबी हासिल की है। फ्रांस की एक स्टडी में ये खुलासा किया है कि कुत्ते अपनी सूंघने की शक्ति के जरिए 97 फीसदी तक पॉजिटिव सैंपल की और 91 फीसदी नेगेटिव सैंपल्स की पहचान कर सकते हैं। इनकी संक्रमण का पता लगाने की क्षमता, 15 मिनट में जांच कर बतानेवाले कई एंटीजन-टेस्ट से बेहतर है।
इसकी टेस्टिंग का आयोजन पेरिस के पास फ्रांस के राष्ट्रीय पशु चिकित्सा स्कूल में किया गया था। इसमें प्रतिभागियों के पसीने के सैंपल इकट्ठा किए और उन्हें कम से कम दो अलग-अलग कुत्तों को सूंघने के लिए दिया गया। इस बात का ध्यान रखा गया कि इनमें से किसी भी कुत्ते का वॉलंटियर्स से पहले कोई संपर्क नहीं रहा हो। कुल 335 प्रतिभागियों में से 109, PCR टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये थे। रिसर्चर को ये नहीं पता था कि पसीने के कौन से सैंपल पॉजिटिव थे। इसके बावजूद कुत्तों ने लगभग 90 फीसदी मामलों में संक्रमित सैंपल का पता लगा लिया। इससे पहले जर्मन शोधकर्ताओं ने दिखाया था कि प्रशिक्षित कुत्ते वायरस से संक्रमित लोगों के लार के नमूने के बीच अंतर करने में सक्षम थे। इसी कड़ी में फिनलैंड, दुबई और स्विटजरलैंड ने कुत्तों को संक्रमण को सूंघने के लिए प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है।
इस मामले में प्रशिक्षित कुत्तों से ये फायदा है कि इन्हें हवाई अड्डों, ट्रेन स्टेशनों या जहां भी लोगों की स्क्रीनिंग करने के लिए भीड़ होती है, वहां तैनात किया जा सकता है। इस तरह से लोगों की स्क्रीनिंग जल्दी और आसान तरीके से हो सकती है। दूसरा फायदा ये है कि इससे Covid-19 को कम से कम समय में और कम लागत पर पहचाना जा सकता है। कुत्तों की सूंघने के इस क्षमता से से महामारी को रोकने में काफी मदद मिल सकती है।