प्रकाश पर्व गुरुनानक जयंती पर गुरुद्वारा में मत्था टेक कर लिया आशीर्वाद, पाया प्रसाद
कटनी। बरही रॉड स्थित गुरुद्वारा में गुरु नानक देवजी जयंती धूमधाम तरीके से मनाई गई। यहां पर शबद कीर्तन हुए और प्रसाद का वितरण किया गया। लखनऊ से आए रागी जत्थे के द्वारा एक से बढ़कर एक शबद कीर्तन किए गए, जिन्हें सुनकर संगत निहाल हुई। धन नानक तेरी वड्डी कमाई…, नानक दुखिया सब संसार, नानक नाम मिले त जीवा, नानक सतगुरु वाहो-वाहो, कलतारण गुरुनानक आया, आबी बाबा नानका, सतगुरु नानक पर घटया, इक बाबा अकाल रूप मेरा साहिबा, लख खुशिया पातशाहियां, पुकार बाबा नानक नू, नानक चिंता मत करो जो बोले सो निहाल-सतश्री अकाल…। इन शबद-कीर्तन से गुरुद्वारा गुंजायमान रहा। अवसर था सिक्खों के पहले गुरु गुरुनानक देवजी के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में श्री गुरु सिंह सभा कटनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम किया गया इस मौके पर गुरवाणी पाठ, संकीर्तन हुए। गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पर्व को नानक देव के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह सिख धर्म का सबसे बड़ा पर्व होता है। सिख धर्म में इस दिन को प्रकाश उत्सव कहा जाता है। इस दिन गुरु नानकजी का जन्म हुआ था। गुरु नानक सिख धर्म के पहले गुरु थे।
पंचाग के अनुसार गुरु पर्व कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। गुरु नानकजी का जन्म 15 अप्रैल 1469 में तलवंडी नामक जगह हुआ था। सिख धर्म में 10 गुरु हुए हैं, माना जाता है कि गुरु नानकजी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। गुरु नानक जी ने अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु सभी के गुण समेटे हुए थे।
कार्यकारिणी क़े स. गुरुचरण सिंह खुराना प्रधान ,स तेजपाल सिंह भाटिया सकत्तर, स अवतार सिंह टुटेजा बाबू खजांची, स. जसप्रीत सिंह लम्बा, स. हरजीत सिंह खुराना, स. सतवीर सिंह भाटिया, स. मंजीत सिंह हुंजन, मिंटू गेदू, स. जसपाल सिंह मांगट, स. जसपाल सिंह मठारू, स. गुरमीत सिंह विरदी, स. संतोख सिंह भट्टी, स. सूरजप्रकाश सिंह भट्टी, स. अर्जुन सिंह बाजवा, नीटू नारंग, स. जितेंद्र सिंह बाजवा, बाबू ग्रोवर, स.हरजीत सिंह खनूजा, स. त्रिलोचन सिंह विरदी, स. रविंदर सिंह ओसाहन, लकी खालसा, रिंकी खालसा, स. हरप्रीत सिंह ग्रोवर (लकी), स. मनदीप सिंह टुटेजा, स. अजीत सिंह खुराना, स. अवतार सिंह खुराना, स. रणदीप सिंह बाजवा (हनी), स. हरदीप पनेसर, नीलम सलूजा, नीटू लांबा, प्राण सलूजा, रवि गंगवानी, भीषम चेलानी, स. हरभजन सिंह खालसा, राजू सचदेवा, स. हरचरण सिंह खनूजा, स. भूपिंदर सिंह रील अनुज आनंद राजा सलूजा सहित अन्य जन मौजूद रहे।