Online Cricket Satta रीवा और कटनी के क्रिकेट सटोरिए जबलपुर से क्रिकेट सट्टा संचालित कर रहे थे
Online Cricket Satta रीवा और कटनी के क्रिकेट सटोरिए जबलपुर से क्रिकेट सट्टा संचालित कर रहे थे
Online Cricket Satta रीवा और कटनी के क्रिकेट के बड़े सटोरिए जबलपुर से क्रिकेट सट्टा संचालित कर रहे थे। मंगलवार रात जबलपुर पुलिस ने करमेता में एक मकान में छापा मारा। पुलिस ने वहां से पांच सटोरियों को पकड़ा। पूछताछ के दौरान पांचों आरोपियों ने बताया कि वे रीवा निवासी कारू, कटनी निवासी गट्टू और जबलपुर निवासी राहुल साहू और पवन के लिए काम करते थे। आईडी और पासवर्ड उक्त चारों आरोपियों द्वारा उन्हें मुहैया कराया जाता था। उक्त आरोपियों द्वारा ही उन्हें ग्राहक भी मुहैया कराए जाते थे। हार जीत का पूरा हिसाब किताब और रकम सप्ताह में एक बार उक्त चारों आरोपितों को पहुंचाई जाती थी। यह पता चलने पर पुलिस टीम ने उक्त चारों आरोपितों को भी मामले में आरोपी बनाया है, उनका पता लगाया जा रहा है।
आनलाइन एप के माध्यम से सट्टा
आरोपित आनलाइन एप के माध्यम से सट्टा लिख रहे थे, वहीं पूरा हिसाब किताब वाटसएप पर था। आरोपितों के कब्जे से चार लाख 72 हजार 120 रुपए नकद एक लैपटाप, नौ मोबाइल फोन और एक कार एमपी 20 सीके 4777 जब्त की गई है। इस मामले में चार आरोपितों की पुलिस खोजबीन कर रही है। विदित हो कि पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर सटोरियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
माढ़ोताल थाना प्रभारी रीना पांडे ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि करमेता के देवानंद असमानी के मकान को सटोरियों ने किराए पर लिया है और वहां से क्रिकेट का सट्टा लिखा जा रहा है। सूचना पर टीम ने वहां छापा मारा। पुलिस को देखकर वहां सट्टा लिख रहे पांच आरोपित फरार होने लगे। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम करमेता माढ़ोताल निवासी नितिन राजवानी उर्फ बाबू, द्वारका नगर निवासी पंकज कुमार कुकरेजा, झामनदास चौक निवासी श्याम चेतवानी, नया गांव निवासी सतेन्द्र पटेल उर्फ सूर्या और खलासी लाइन छोटी ओमती निवासी राहुल मोटवानी को पकड़ा।
पूछताछ के दौरान पांचों आरोपियों ने बताया कि वे रीवा निवासी कारू, कटनी निवासी गट्टू और जबलपुर निवासी राहुल साहू और पवन के लिए काम करते थे। आईडी और पासवर्ड उक्त चारों आरोपियों द्वारा उन्हें मुहैया कराया जाता था। उक्त आरोपियों द्वारा ही उन्हें ग्राहक भी मुहैया कराए जाते थे। हार जीत का पूरा हिसाब किताब और रकम सप्ताह में एक बार उक्त चारों आरोपितों को पहुंचाई जाती थी। यह पता चलने पर पुलिस टीम ने उक्त चारों आरोपितों को भी मामले में आरोपी बनाया है, उनका पता लगाया जा रहा है।