OPS रिजर्व बैंक का कहना है कि ओल्ड पेंशन स्कीम राज्यों के भविष्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है. ये ना सिर्फ राज्यों की वित्तीय स्थिति पर दबाव डालेगी, बल्कि राजकोषीय घाटे को भी बढ़ाएगी.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुछ राज्यों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को वापस लागू किया है. इससे उनके राजकोषीय स्थिति के लिए एक बड़ा जोखिम खड़ा हो गया है.
खत्म कर देगा सरकारों की बचत
राज्यों की वित्तीय स्थिति को लेकर रिजर्व बैंक ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों के राजकोषीय संसाधन की सालाना बचत इस कदम के बाद थोड़े समय ही चलेगी. मौजूदा खर्चों को भविष्य पर टालकर राज्य जोखिम की ओर बढ़ेंगे; वहीं बिना वित्त पोषण वाली पेंशन का उत्तरदायित्व राज्यों को आने वाले सालों में भारी पड़ेगा.
विपक्षी दलों की सरकार ने लागू की OPS
कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने पुरानी पेंशन स्कीम को पहले ही लागू कर दिया था. हाल फिलहाल में हिमाचल प्रदेश इस व्यवस्था को लागू करने वाला सबसे नया राज्य है. वहीं झारखंड में कांग्रेस गठबंधन सरकार के साथ है, वहां की सरकार भी इसे वापस लागू कर चुकी है. जबकि आम आदमी पार्टी की सत्ता वाले पंजाब में इसकी वापसी को लेकर विचार चल रहा है.
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) हाल में हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान एक बड़ा मुद्दा रहा. इससे पहले भी कई अन्य राज्यों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को अपने यहां लागू किया है. राजनीतिक गलियारों में तो इसकी चर्चा है ही. वहीं इसने अर्थशास्त्रियों के माथे पर शिकन की लकीरें भी छोड़ी हैं. अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी इसे लेकर राज्यों को चेतावनी दी है.