Paper Leak Mamla : जिन पर थी जिम्मेदारी, वही निकल रहे आरोपी, अब SIT के रडार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से जिन अधिकारियों को भर्ती परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी, वही आरोपी बनकर सामने आ रहे हैं। ऐसे में घर में ही भेदी होने से आयोग के सामने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखना बड़ी चुनौती बन गया है।
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प्रदेश के लिए सिविल और अन्य महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाएं कराने के लिए लोक सेवा आयोग का गठन किया गया है। जिससे आयोग के कार्यालय को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। आयोग के भवन से लेकर कर्मचारियों की आवासीय कॉलोनी में प्रवेश द्वार पर सख्त पहरा रहता है। बिना वजह किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाता है। इसलिए युवाओं को आयोग के कामकाज पर पूरा विश्वास रहता था। इसी भरोसे पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाएं कराने का जिम्मा भी पिछले साल उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को दिया गया था। अब आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
पेपर लीक मामले में अब तक दो अधिकारियों का नाम सामने आने के बाद आयोग के सामने आगामी परीक्षाओं की निष्पक्षता बनाए रखना कठिन होता जा रहा है। आयोग के अफसरों की समझ में नहीं आ रहा है कि वह आखिरकार किस पर भरोसा करें और किस पर नहीं।
एसआईटी के रडार पर आयोग के अन्य कर्मचारी
जेई और एई की परीक्षा में आयोग के दूसरे अधिकारी के शामिल होने के बाद एसआईटी के रडार पर आयोग के अन्य कर्मचारी आ गए हैं। एसआईटी अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ कर जानकारी हासिल करेगी।
पटवारी भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करवाने में लोक सेवा आयोग के गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी का नाम सामने आया था। अधिकारी का नाम सामने आने से आयोग और सरकार में हड़कंप मच गया था। इसके बाद से ही एसआईटी की ओर से जेई और एई परीक्षा के पेपर लीक जांच की जा रही थी। जिसमें लोक सेवा आयोग के दूसरे कर्मचारी अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार का नाम सामने आया है।
अब संभावना है कि एसआईटी आयोग के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है। दोनों आरोपी अधिकारियों से नजदीकी रखने वाले कर्मचारी पूछताछ के दायरे में सबसे पहले आएंगे। इससे कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।