Pariksha Pe Charcha 2021: परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के तहत आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लाखों स्टूडेंट्स, टीचर्स और अभिभावकों को संबोधित कर रहे हैं। यह कार्यक्रम पहली बार वर्चुअल आयोजित किया जा रहा है। परीक्षा-पे-चर्चा कार्यक्रम में पीएम छात्रों के सवालों का भी जवाब देंगे। इन छात्रों का चयन लेखन प्रतिस्पर्धा के जरिये किया गया है। इसमें देश व विदेश के छात्र शामिल होंगे। प्रधानमंत्री के साथ परीक्षा-पे-चर्चा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से 14 लाख से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें 10 लाख से ज्यादा छात्र हैं, जबकि करीब ढाई लाख शिक्षक और एक लाख अभिभावक शामिल हैं। चर्चा में शामिल होने के लिए दुनिया के 81 देशों के छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों के साथ परीक्षा-पे-चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की थी। यह इस चर्चा का चौथा संस्करण है। यहां देखिये इस कार्यक्रम से जुड़ी लाइव अपडेट्स।
ये परीक्षा पर चर्चा का पहला वर्चुअल एडिशन है। हम पिछले एक साल से कोरोना के बीच जी रहे हैं और उसके कारण हर किसी को नया इनोवेशन करना पड़ रहा है। मुझे भी आप लोगों से मिलने का मोह इस बार छोड़ एक नए फॉर्मेट में आपके बीच आना पड़ रहा है।
– खाली समय, इसको खाली मत समझिए, ये खजाना है, खजाना। खाली समय एक सौभाग्य है, खाली समय एक अवसर है। आपकी दिनचर्या में खाली समय के पल होने ही चाहिए।
यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि खाली समय में किन चीजों से बचना चाहिए, नहीं तो वो ही चीज सारा समय खा जाएंगी। अंत में रिफ्रेश-रिलेक्स होने के बजाए आप तंग हो जाएंगे। थकान महसूस करने लगेंगे।
– जो लोग जीवन में बहुत सफल हैं, वो हर विषय में पारंगत नहीं होते। लेकिन किसी एक विषय पर, किसी एक सब्जेक्ट पर उनकी पकड़ जबरदस्त होती है।
– पहले मां-बाप बच्चों के साथ कई विषयों पर जुड़े रहते थे और सहज भी रहते थे। आजकल मां-बाप करियर, पढ़ाई सैलेबस तक बच्चों के साथ इंवॉल्व रहते हैं। अगर मां-बाप ज्यादा इंवॉल्व रहते हैं, तो बच्चों की रुचि, प्रकृति, प्रवृत्ति को समझते हैं और बच्चों की कमियों को भरते हैं।
– हमारे यहां एग्जाम के लिए एक शब्द है- कसौटी। मतलब खुद को कसना है, ऐसा नहीं है कि एग्जाम आखिरी मौका है। बल्कि एग्जाम तो एक प्रकार से एक लंबी जिंदगी जीने के लिए अपने आप को कसने का उत्तम अवसर है।
– समस्या तब होती है जब हम एग्जाम को ही जैसे जीवन के सपनों का अंत मान लेते हैं, जीवन-मरण का प्रश्न बना देते हैं। एग्जाम जीवन को गढ़ने का एक अवसर है, एक मौका है उसे उसी रूप में लेना चाहिए।
M Pallavi and Arpan Pandey ask PM @narendramodi how can we reduce fear?
This is how the PM responded… pic.twitter.com/ZWWbPg7T3r
— PMO India (@PMOIndia) April 7, 2021
– परीक्षा जीवन को गढ़ने का एक अवसर है, उसे उसी रूप में लेना चाहिए। हमें अपने आप को कसौटी पर कसने के मौके खोजते ही रहना चाहिए, ताकि हम और अच्छा कर सकें। हमें भागना नहीं चाहिए।
– पढ़ाई के लिए आपके पास दो घंटे हैं तो हर विषय को समान भाव से पढ़िए। पढ़ाई की बात है तो कठिन चीज को पहले लीजिए, आपका माइंड फ्रेश है तो कठिन चीज को पहले लेने का प्रयास कीजिए। कठिन को हल कर लेंगे तो सरल तो और भी आसान हो जाएगा।
– जब मैं मुख्यमंत्री था, उसके बाद मैं प्रधानमंत्री बना तो मुझे भी बहुत कुछ पढ़ना पढ़ता है। बहुत कुछ सीखना पड़ता है। चीजों को समझना पड़ता है। तो मैं क्या करता था कि जो मुश्किल बातें होती हैं, मैं सुबह जो शुरु करता हूं तो कठिन चीजों से शुरु करना पसंद करता हूं।
– आपको भले कुछ विषय मुश्किल लगते हों, ये आपके जीवन में कोई कमी नहीं है। आप बस ये बात ध्यान रखिए कि मुश्किल लगने वाले विषयों की पढ़ाई से दूर मत भागिए।
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— Narendra Modi (@narendramodi) April 7, 2021
– एक बात मैं देशवासियों, अभिभावकों, अध्यापकों को बताना चाहता हूं कि ये परीक्षा पर चर्चा है लेकिन सिर्फ परीक्षा की ही चर्चा नहीं है। बहुत कुछ बातें हो सकती हैं, एक नए आत्मविश्वास पैदा करना है।
– ये ‘परीक्षा पे चर्चा’ है, लेकिन सिर्फ़ परीक्षा की ही चर्चा नहीं है! बहुत कुछ बातें हो सकती हैं, एक नए आत्मविश्वास पैदा करना है। जैसे अपने घर में बैठ कर बाते करते हैं, अपनों के बीच बात करते हैं, दोस्तों के साथ बात करते हैं, आइए हम भी ऐसे ही बाते करेंगे।