Pet Animals Health Insurance पालतू जानवर बीमार पड़ जाता है तो इलाज में काफी खर्चा भी होने की संभावना बनी रहती है। इस मेहेंगे दौर में साधारण इलाज करने के पैसे देना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में जब हमारे चहिते पशु बीमार पड़ जाते है, तो उनके इलाज में भी अधिक खर्च होने का डर बना रहता है। इसीलिए भारत की कुछ बीमा कंपनियों द्वारा पालतू पशुवों के लिए बीमा ऑफर किया जाता है।
ये कंपनी बेचती है PET Insurance
न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और ओरियंटल इंश्योरेंस सालों से पशु बीमा (कैटेल इंश्योरेंस) बेचते रहे हैं। लेकिन, अब नई कंपनियां भी इस दौड़ में जुड़ गई हैं। वेटिना हेल्थकेयर ने डिजिट इंश्योरेंस के साथ मिलकर 2008 में पॉटेक्ट मेडिकल कवर लॉन्च किया था। वहीं, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने अगस्त 2020 से कुत्तों के लिए बीमा ऑफर करना शुरू किया है। जहां सरकारी बीमा कंपनियां पॉलिसी अवधि के दौरान मौत की स्थिति में सम एश्योर्ड का भुगतान करती हैं। वहीं, प्राइवेट कंपनियां मौत और बीमारी दोनों में कवर उपलब्ध कराती हैं।
ऐसा होता है प्रीमियम
बजाज आलियांज ने सर्जरी के लिए कवर के साइज की सीमा 50,000 रुपए तय कर रखी है। हॉस्पिटलाइजेशन के मामले में यह 10,000 रुपये है। इसके थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर में दो 5 लाख रुपये और 10 लाख रुपये के विकल्प हैं। वहीं, पॉटेक्ट के 40,000 रुपये, 60,000 रुपये, 1 लाख रुपये और 1.5 लाख रुपये के बजाज आलियांज न्यू इंडिया एश्योरेंस ओरियंटल इंश्योरेंस वेटिना पॉटेक्ट कवर हैं। इसमें कोई रेड, येलो और ब्लू रिबन प्लान को चुन सकता है। प्रीमियम कुत्ते की नस्ल, उम्र, आकार के आधार पर तय होता है। बीमा शुरू होने से पहले अमूमन 15-30 दिन का वेटिंग पीरियड होता है। उम्र की सीमा 8 हफ्ते से 8 साल तक हो सकती है। सभी बीमा कंपनी को-पे या डिडक्टिबल भी लगाती हैं। यह वह लिमिट है जो पहले से तय होती है। इसे कंपनियां काट लेती हैं। बजाज आलियांज के मामले में यह सर्जरी और हॉस्पिटलाइजेशन का 10 फीसदी, ओरियंटल और न्यू इंडिया एश्योरेंस के मामले में सम एश्योर्ड का 20 फीसदी है। कंपनियां पहले से बीमारियों को भी नहीं कवर करती हैं।