Pitru Paksha 2022 : आज से पितृ पक्ष आरंभ हो गए हैं। आने वाले 15 दिनों तक पितरों को तर्पण, पिंडदान और ब्राह्राणों को भोजन आदि करवाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह की पूर्णिमा से आश्विन माह की अमावस्या तक का पक्ष ‘महालय’ श्राद्ध पक्ष कहलाता है।
इस पक्ष में व्यक्ति की जिस तिथि को मृत्यु हुई है उस तिथि के दिन उस मृत व्यक्ति के पुत्र-पौत्रदि द्वारा उसका श्राद्ध किया जाता है। इस श्राद्धभोज में पितरों को कई प्रकार के स्वादिष्ट पकवानों का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से पितर संतुष्ट होकर अपने परिजनों को दीर्घायु,आरोग्य,धन-संपत्ति,स्वर्ग प्राप्ति जैसे सभी सुख प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
Pitru Paksha 2022 इसलिए जरूरी हैं श्राद्धकर्म
शास्त्र कहते हैं कि ‘पुन्नाम नरकात् त्रायते इति पुत्रः अर्थात-जो नरक से त्राण (रक्षा)करता है वही पुत्र है। श्राद्ध कर्म के द्वारा ही पुत्र जीवन में पितृ ऋण से मुक्त हो सकता है। जो लोग श्राद्ध कार्य इस शंका से नहीं करते कि ‘कौन हैं पितर और कहाँ हैं’ इस शंका का समाधान करते हुए मार्कण्डेय ऋषि कहते हैं कि ‘पितृ सूक्ष्म स्वरुप में श्राद्ध तिथि को अपनी संतान के घर के द्वार पर सूर्योदय से ही आकर बैठ जाते हैं,इस उम्मीद में कि उनके पुत्र-पौत्र भोजन से उन्हें तृप्त क़र देंगे।किन्तु सूर्यास्त होने तक भी पितरों को जब भोजन प्राप्त नहीं होता है तो वे निराश व रुष्ट होकर श्राप देते हुए अपने पितृलोक लौट जाते है।इसीलिए शास्त्रों में श्राद्ध करने की अनिवार्यता कही गई है। जीव मोहवश इस जीवन में पाप-पुण्य दोनों कृत्य करता है। पुण्य का फल स्वर्ग है और पाप का नरक। नरक में पापी को घोर यातनाएं भोगनी पड़ती हैं और स्वर्ग में जीव सानंद रहता है। जन्म-जन्मांतर में अपने किये हुए शुभ-अशुभ कर्मफल के अनुसार स्वर्ग-नरक का सुख भोगने के पश्चात जीवात्मा पुनः चौरासी लाख योनियों की यात्रा पर निकल पडती है। अतः पुत्र-पौत्रादि का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने माता-पिता तथा पूर्वजों के निमित्त श्रद्धा पूर्वक ऐसे शास्त्रोक्त कर्म करें जिससे उन मृत प्राणियों को परलोक अथवा अन्य लोक में भी सुख प्राप्त हो सके।
Pitru Paksha 2022 ब्राह्मण से पूर्व इन्हें भोजन दें
श्राद्ध कर्म के दिन ब्राह्राण को भोजन कराने से पहले दक्षिण की ओर मुख करके पंचबलि गाय,कुत्ते,कौए,देवतादि और चींटी के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकालें।
1.गोबलि- गाय के लिए पत्तेपर ‘गोभ्ये नमः’ मंत्र पढकर भोजन सामग्री निकालें।
2.श्वानबलि- कुत्ते के लिए भी ‘द्वौ श्वानौ’ नमः मंत्र पढकर भोजन सामग्री पत्ते पर निकालें ।
3.काकबलि- कौए के लिए ‘वायसेभ्यो’ नमः’ मंत्र पढकर पत्ते पर भोजन सामग्री निकालें ।
4.देवादिबलि- देवताओं के लिए ‘देवादिभ्यो नमः’ मंत्र पढकर और चींटियों के लिए 5.’पिपीलिकादिभ्यो नमः’ मंत्र पढकर चींटियों के लिए भोजन सामग्री पत्तेपर निकालें। इसके बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके कुश, तिल और जल लेकर हथेली में स्थित पितृतीर्थ से संकल्प करें तथा एक या तीन ब्राह्मण को भोजन कराएं।
Pitru Paksha 2022 पितृ पक्ष 2022 की तिथियां
10 सितंबर- पूर्णिमा श्राद्ध और प्रतिपदा श्राद्ध
11 सितंबर- आश्निव, कृष्ण द्वितीया
12 सितंबर- आश्विन, कृष्ण तृतीया
13 सितंबर- आश्विन, कृष्ण चतुर्थी
14 सितंबर- आश्विन,कृष्ण पंचमी
15 सितंबर- आश्विन,कृष्ण पष्ठी
16 सितंबर- आश्विन,कृष्ण सप्तमी
18 सितंबर- आश्विन,कृष्ण अष्टमी
19 सितंबर- आश्विन,कृष्ण नवमी
20 सितंबर- आश्विन,कृष्ण दशमी
21 सितंबर- आश्विन,कृष्ण एकादशी
22 सितंबर- आश्विन,कृष्ण द्वादशी
23 सितंबर- आश्विन,कृष्ण त्रयोदशी
24 सितंबर- आश्विन,कृष्ण चतुर्दशी
25 सितंबर- आश्विन,कृष्ण अमावस्या