देश के लाखों प्राइवेट कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। अब उनका नौकरी बदलने के साथ ग्रेच्युटी भी ट्रांसफर हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार, यूनियन और इंडस्ट्री के बीच स्ट्रक्चर में बदलाव पर सहमति बन चुकी है।
इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। न्यूज चैनल सीएनबीसी आवास की एक रिपोर्ट के मुताबिक निजी सेक्टर के कर्मचारियों को पीएफ की तरह ग्रेच्युटी ट्रांसफर करना का ऑप्शन मिलेगा। ग्रेच्युटी पोर्टेबिलिटी पर सहमति बनने के बाद जॉब चेंज करने पर पीएफ की तरह ग्रेच्युटी भी ट्रांसफर होगी।
सूत्रों के अनुसार श्रम मंत्रालय यूनियन और इंडस्ट्री की मीटिंग में ग्रेच्युटी को सीटीसी का हिस्सा बनाने के प्रस्ताव पर बातचीत हुई है। यह प्रावधान समाजिक सुरक्षा अधिनियम में शामिल किया जाएगा। इस फैसले पर नोटिफिकेशन जल्द आने की संभावना है। हालांकि इसपर काम के दिनों को बढ़ाने पर इंडस्ट्री ने सहमति नहीं जताई है। इंडस्ट्री ग्रेच्युटी के लिए 15 से 30 दिन के वर्किंग डे के प्रस्ताव पर सहमत नहीं है।
आखिर क्या है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी का भुगतान पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत किया जाता है। यह वह रकम है जिसका भुगतान संस्थान द्वारा कर्मचारी को उसके कामों के लिए दिया जाता है। बता दें ग्रैच्युटी का लाभ उसी कर्मचारी को मिलता है, जिसनें कंपनी में पांच साल या उससे अधिक समय तक अपनी सेवाएं दी हैं।
क्या है इसकी पात्रता?
– रिटायर होने वाले कर्मचारी
एक की कंपनी में न्यूनतम 5 साल या उससे अधिक समय तक कार्य करने वाले कर्मचारी
– बीमार या एक्टिडेंट के कारण मौत या विकलांग
कैसे किया जाता है ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन?
अगर किसी व्यक्ति ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया है। उसकी अंतिम सैलरी 75000 रुपए (बेसिक और डीए) मिलाकर है। यहां महीने में 26 दिन को गिना जाता है, क्यों कि 4 दिन अवकाश रहता है। वहीं एक वर्ष में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी कैलकुलेशन किया जाता है। कुल ग्रेच्युटी का पैसा – 75000 रुपए * (15/16) * 20 = 865385 रुपए।