Rail Concession Big News भारतीय रेल से सफर करने वाले बुजुर्ग यात्रियों और खिलाडिय़ों के लिए बुरी खबर है. रेलवे ने इन्हें किराए में छूट देने से इनकार कर दिया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार 20 जुलाई को लोकसभा में यह बात कही. उन्होंने कहा कि अधिकांश कैटेगरी में किराए पहले से ही काफी कम हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी किराये की लागत का 50 फीसदी खर्च सरकार उठाती है.
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत से रेलवे को वर्ष 2019-20 में अतिरिक्त 1667 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ा. इसी तरह बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत से 2018-19 में 1636 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा था.
पहले मिलती थी 50 फीसदी की छूट
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 से पहले 60 साल से अधिक उम्र के लोगों यानी सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट पर 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, लेकिन कोरोना काल में जब रेल सेवा बंद की गई तो इस छूट को खत्म कर दिया गया. हालांकि, जब दोबारा रेल सेवाएं शुरू की गईं तो इस छूट को बहाल नहीं किया गया. इतना ही नहीं सरकार का आगे भी सीनियर सिटीजंस को किराए में मिलने वाली छूट देने का कोई इरादा नहीं है.
अभी रेलवे से इन्हें मिल रही छूट
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज संसद में एक लिखित जवाब में बताया कि सीनियर सिटीजंस को किराए में छूट देने से सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ता है. इसलिए इसे बहाल करने की कोई योजना नहीं है. केवल स्पेशल कैटगरी वाले लोगों को किराए में छूट की सुविधा दोबारा शुरू की गई है. इनमें चार श्रेणी के दिव्यांग, 11 कैटगरी के मरीज और और छात्र शामिल हैं.