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Rain in Madhya Pradesh: बेमौसम बारिश से मूंग की फसल पर खतरा, किसानों को इस बात की आशंका

हालिया बारिश के कारण मूंग की फसल पकने में 10 से 15 दिन की वृद्धि हो जाएगी। फसल में फूल और फली लगने की अवस्था है।

बैतूल/नरसिंहपुर। टाक्टे तूफान की वजह से मध्य प्रदेश के कई जिलों में हो रही बेमौसम बारिश ने मूंग की फसल के लिए खतरा पैदा कर दिया है। बैतूल जिले में फसल अभी खेत में तैयार हो रही है इसलिए उसके समय पर न पकने की समस्या सामने आ सकती है। नरसिंहपुर में काटकर रखी फसल को नुकसान होने की आशंका है। बारिश से मूंग की चमक भी बिगड़ेगी और हरापन गायब होने की आशंका है। दाने काले पड़ सकते हैं।

नरसिंहपुर में 60 हजार हेक्टेयर में तो बैतूल में पांच हजार हेक्टेयर में मूंग लगी हुई है। आमतौर पर यह फरवरी से लेकर अप्रैल तक बोई जाती है। 55 से 75 दिन में पक जाती है। फरवरी में बोई फसल काटी जा चुकी है और अप्रैल वाली अभी खेतों में ही है। कृषि विज्ञान केंद्र बैतूल के कृषि विज्ञानी वीके वर्मा ने बताया कि मूंग की ग्रीष्मकालीन फसल के लिए 37 डिग्री सेल्सियस तक तापमान श्रेष्ठ होता है। अधिक सिंचाई करने से वानस्पतिक वृद्धि होती है।

इसमें नई फलियां आ जाती हैं और इस वजह से फसल देरी से पकती है। हालिया बारिश के कारण मूंग की फसल पकने में 10 से 15 दिन की वृद्धि हो जाएगी। फसल में फूल और फली लगने की अवस्था है। इस बारिश से पौधों में नई फलियां निकलेंगी। इससे फसल देरी से पकेगी। यदि मानसून जल्दी आ गया तो परेशानी बढ़ जाएगी। फसल काटी नहीं जा सकेगी।

उधर, नरसिंहपुर में फसल काट ली गई है या लगभग तैयार खड़ी है। किसान इस बात को लेकर आशंकित हैं कि बारिश नहीं थमी तो उनकी फसल सड़कर खराब हो जाएगी। साथ ही, जो फसल पककर तैयार है, उसकी फलियां भी आंधी-बारिश से खराब हो सकती हैं। मूंग की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

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