Rainfall in MP मानसून ट्रफ के मानसून की तराई में ऊंचाई पर चले जाने के कारण मध्यप्रदेश में वर्षा की गतिविधियां कम हाे गई हैं। हालांकि वर्तमान में उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इस मौसम प्रणाली से मिल रही नमी के कारण उत्तर-पूर्वी मप्र में कहीं-कहीं वर्षा हाेने की संभावना है। इसके तहत बुधवार काे शहडाेल, जबलपुर, नर्मदापुरम, भाेपाल, सागर, रीवा, इंदौर, चंबल, उज्जैन, ग्वालियर संभागाें के जिलाें में कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं।
मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में भी एक चक्रवात बनने के संकेत मिल रहे हैं। इस मौसम प्रणाली के कारण पांच अगस्त से प्रदेश के अधिकतर जिलाें में वर्षा का सिलसिला शुरू हाेने की संभावना है। उधर मंगलवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक ग्वालियर में 28, इंदौर में 5.6, धार में एक मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से 2 अगस्त तक प्रदेश में औसत से 10 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है।पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 6 प्रतिशत कम और पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 25 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है।