Rajgad Bhopal Result कभी कहा जाता था कि राजगढ़ में चुनाव लड़ना तो दूर की बात दिग्विजय सिंह की मर्जी के बिना भाजपा के नेता टिकट भी नहीं मांगते थे। आज उसी राजगढ़ नगर पालिका में 15 वार्डों में से केवल 3 वार्डों में कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीत पाए हैं। राजगढ़ ही नहीं भोपाल महापौर चुनाव में दिग्विजय समर्थन वाली प्रत्याशी भी चुनाव हार गईं। लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह हार गए थे। महापौर चुनाव में उनकी प्रत्याशी विभा पटेल चुनाव हार गई। एक प्रकार से कहा जाए तो भोपाल नगर निगम का चुनाव दिग्विजय सिंह हार गए।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय स्तर के नेता दिग्विजय सिंह 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भोपाल आए थे। तमाम कोशिशों के बावजूद जीत नहीं पाए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। भोपाल की पॉलिटिक्स करते हैं। भोपाल शहर के चप्पे-चप्पे पर दिग्विजय सिंह के समर्थक मौजूद हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी में दिग्विजय सिंह भोपाल के नेता बन गए पर चुनाव परिणाम उनके पक्ष में नहीं आये।
राजगढ़ नगर पालिका में करारी हार
राजगढ़ नगर पालिका के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। 15 वार्डों की इस नगर पालिका में 12 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जोरदार जीत दर्ज कराई है। कांग्रेस पार्टी 3 सीटों पर सिमट कर रह गई। यह आंकड़े मध्य प्रदेश की राजनीति को कतई प्रभावित नहीं करते पर दिग्विजय सिंह और उनके परिवार की नींव हिल गई है।
कुछ सालों पहले तक यहां दिग्विजय सिंह का ऐसा प्रभाव हुआ करता था कि भारतीय जनता पार्टी को प्रत्याशी ही नहीं मिलते थे। भाजपा के कार्यकर्ता चुनाव लड़ने को तैयार ही नहीं होते थे। फिर दिग्विजय सिंह की तरफ से इशारा होता था और भाजपा के कुछ नेता लोकतंत्र की औपचारिकता पूरी करने के लिए पार्टी का मैंडेट लेकर नामांकन फॉर्म जमा कर दिया करते थे। चुनाव परिणाम ने पूरा चित्र ही बदल दिया है। मानव राजगढ़ में दिग्विजय सिंह और उनके परिवार का नामोनिशान ही ना बचा हो। शायद दिग्विजय सिंह को इसकी जानकारी पहले ही हो गई थी। इसीलिए, राजा साहब 2019 में भोपाल शिफ्ट हो गए।