Rajyasabha Election राज्यसभा चुनाव में शेष बचीं चार राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और राजस्थान की 16 सीटों पर मतदान शुक्रवार को होगा। अतिरिक्त उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प होगा। इनमें से चार सीटों पर क्रॉस वोटिंग व विधायकों की खरीद-फरोख्त पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। राज्यसभा के लिए 15 राज्यों की 57 सीटों में से 41 पर उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं।
चार राज्यों में भाजपा के अतिरिक्त उम्मीदवार उतारने और निर्दलीय उम्मीदवारों के मैदान में आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। क्रॉस वोटिंग और विधायकों की खरीद फरोख्त से बचने के लिए खासतौर पर कांग्रेस ने राजस्थान और हरियाणा के विधायकों को सुरक्षित स्थान पर रखा है। वहीं, राजस्थान में निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के जरिये संख्या बल बढ़ाने में जुटी भाजपा ने भी अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए मजबूत तैयारी की है।
हरियाणा का हाल
हरियाणा में दो सीटों पर चुनाव है। संख्या बल के हिसाब से भाजपा और कांग्रेस के हाथ एक-एक सीट आनी है। हालांकि भाजपा ने यहां निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को मैदान में उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है। राज्य में एक सीट जीतने के लिए 31 विधायकों की जरूरत है। कांग्रेस के पास इतने ही विधायक हैं।
पार्टी ने यहां अजय माकन को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी में माकन के बाहरी होने के कारण असंतोष है। पार्टी के अगर एक भी विधायक ने विरोध किया तो माकन की जीत की राह मुश्किल होगी। भाजपा की रणनीति अपने 9 अतिरिक्त वोट, जेजेपी, इनेलो, निर्दलीय और कांग्रेस के बागी विधायकों के जरिये माकन को मात देने की है।
राजस्थान में भी मुकाबला दिलचस्प
राज्य में चार सीटों पर चुनाव होने हैं। संख्या बल की दृष्टि से इनमें से तीन सीट कांग्रेस तो एक सीट भाजपा के हिस्से आनी है। मगर भाजपा ने यहां निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का समर्थन किया है। कांग्रेस ने यहां से मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है। कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं, जबकि उसका दावा है कि 13 निर्दलीय, सीपीएम के दो और बीटीपी के दो विधायक उसके साथ हैं। हालांकि तीनों उम्मीदवारों के बाहरी होने के कारण कांग्रेस को बगावत का डर सता रहा है। भाजपा कांग्रेस में जारी इस असंतोष का लाभ उठाना चाह रही है।
कर्नाटक में जेडीएस ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प
राज्य में चार सीटों पर चुनाव हैं। कांग्रेस ने यहां जयराम रमेश, मंसूर अली खान को मैदान में उतारा है। दूसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए कांग्रेस को 20 अतिरिक्त मतों की जरूरत है। पार्टी को पहले जेडीएस से समर्थन की उम्मीद थी। मगर उसने यहां कुपेंद्र रेड्डी को मैदान में उतार दिया। कांग्रेस में फूट की संभावना के मद्देनजर भाजपा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा लहर सिंह को भी मैदान में उतार दिया। अगर कांग्रेस को जेडीएस का साथ नहीं मिला तो उसे दूसरी सीट जीतने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
महाराष्ट्र में छठी सीट पर फंसा पेंच
राज्य की छह सीटों पर चुनाव है। संख्या बल की दृष्टि से यहां भाजपा एक सीट ही जीत सकती है। हालांकि महाविकास आघाड़ी में फूट की संभावना और बड़ी संख्या में निर्दलीय विधायक होने के कारण भाजपा ने यहां दूसरा उम्मीदवार खड़ा कर दिया है। दूसरी ओर एनसीपी और कांग्रेस ने एक-एक तो शिवसेना ने दो उम्मीदवार खड़े किए हैं। ऐसे में छठी सीट पर पेंच फंस गया है। इस सीट पर निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल करने वालों को ही सफलता मिलेगी।
कुमारस्वामी ने कांग्रेस से, सिद्धरमैया ने जेडीएस से की समर्थन की मांग
राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले जेडीएस व कांग्रेस ने कर्नाटक में एक दूसरे से उनकी पार्टी को समर्थन देने की मांग की। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को कहा हमारे पास कांग्रेस से अधिक वोट हैं इसलिए भाजपा को हराने के लिए उसे हमारे उम्मीदवार का समर्थन करना चाहिए। इससे धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूती मिलेगी। वहीं कांग्रेस के पूर्व सीएम सिद्धरमैया ने जेडीएस विधायकों को पत्र लिखकर कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देने की मांग की है।
कर्नाटक में चार सीटों के लिए मतदान होना है। जेडीएस ने कुपेंद्र रेड्डी को पहला उम्मीदवार बनाया है। कुमारस्वामी ने कहा, रेड्डी योग्य उम्मीदवार हैं, उन्हें राज्यसभा का पुराना अनुभव है और सभी पार्टियों को खुले मन से उनका समर्थन करना चाहिए। कांग्रेस ने मंसूर अली खान को दूसरा उम्मीदवार बनाया है। सिद्धरमैया ने कहा, खान की जीत धर्मनिरपेक्ष विचारधारा की जीत होगी।
सिद्धरमैया के पत्र पर कुमारस्वामी नाराज
सिद्धरमैया के जेडीएस विधायकों को लिखे पत्र पर कुमारस्वामी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस ने हमसे विचार विमर्श करके उम्मीदवार उतारा होता तो इस तरह की मुश्किल नहीं आती। कांग्रेस ने अल्पसंख्यक उम्मीदवार के समर्थन के लिए पत्र लिखा है। फिर कांग्रेस ने जयराम रमेश की जगह मंसूर अली खान को अपना पहला उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया।