Raksha Bandhan Maha Sanyog: इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार उदयमान तिथि पूर्णिमा 22 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा। स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा काल का साया नहीं होगा।
भद्रा अशुभ मानी जाती है जो इस वर्ष रक्षाबंधन के समय के पूर्व ही समाप्त हो जाएगी। इस वर्ष रक्षाबंधन पर लाभदायक फल देने वाले ग्रह नक्षत्र शुभ संयोग भी बना रहे हैं। इस वर्ष धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है, साथ ही कुंभ राशि में गुरु चंद साथ में होने से गज केसरी योग भी बन रहा है। ज्योतिष में इस संयोग को अति उत्तम माना गया है। यह योग भाइयों और बहनों दोनों के लिए शुभ कारक एवम फलदाई रहेगा। रक्षाबंधन पर प्रातः काल से ही शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो रहे हैं।
पंडित शर्मा ने बताया की चौघड़िया के अनुसार राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 7.40 से 9:20 तक लाभ सुबह 9.21 से 10.55तक अमृत सुबह 10.56 से दोपहर 12:30 बजे तक शुभ 2:05 से 3 40 दिन रहेगा। इसके साथ ही शोभन योग का मुहूर्त सुबह 6:15 से 10:35 बजे तक रहेगा। शोभन योग में सवा 4 घंटे तक राखी बांधना अति उत्तम रहेगा। रक्षा बंधन में राहु काल भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है, कयोकि इन दोनों ही काल को अशुभ माना गया है।
इस बार 22 अगस्त को सुबह से भद्रा नहीं होने से शाम को 5:00 बजे तक रक्षाबंधन के कई शुभ मुहूर्त रहेंगे। भाई बहन के स्नेह के प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार पर बहने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। कोई भी अशुभ मुहूर्त इस शोभन योग में नहीं रहेगा। रक्षाबंधन घनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जा रहा है। इस वर्ष इस बार श्रावणी नक्षत्र एक दिन पूर्व 21 अगस्त को ही समाप्त हो रहा है। जिसके कारण इस वर्ष रक्षाबंधन धनिष्ठा नक्षत्र में अशुभ भद्रा के साए से दूर होकर शुभ संयोग में रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे उल्लास के साथ मनाया जावेगा।
सभी बहन भाई की कलाई पर रेशम की डोर बांध सकेंगी। इस वर्ष शोभन योग धनिष्ठा नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। इसका स्वामी शुक्र है सूर्य की पुत्री और शनि की बहन भद्रा के समय राखी बांधना अहितकारी होता है। परंतु इस वर्ष राखी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा और धनिष्ठा नक्षत्र को भी शुभ माना गया है। साथ ही शोभन योग मिलकर शुभ संयोग रक्षाबंधन पर बना रहे है। साथ ही कुंभ राशि मैं गुरु चंद्र साथ में होने से विशेष शुभ गज केसरी योग बन रहा है। यह योग ज्योतिष शास्त्र में सर्वोत्तम फल देने वाला माना जाता है। इसलिए इस वर्ष रक्षाबंधन शुभ संयोग में में ही मनाया जावेगा ओर भाई और बहन के लिए शुभ रहेगा।