Raksha bandhan Shubh Muhurt 12 अगस्त को अच्छा है राखी बंधना, भद्रा का नहीं पड़ेगा साया, यहां जानें शुभ मुहूर्त

12 अगस्त को मनाई जाएगी राखी, भद्रा का नहीं पड़ेगा साया, यहां जानें शुभ मुहूर्त

Raksha bandhan Shubh Muhurt: इस बार रक्षाबंधन को लेकर बहुत ज्यादा ही कंफ्यूजन है लोगों को. असल में भाई बहन का यह त्योहार पूर्णिामा के दिन मनाया जाता है. लेकिन इस बार पूर्णिमा के दिन भद्रा पड़ रहा है. आपको बता दें कि भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है. दरअसल भद्रा काल को ज्योतिष में अशुभ माना गया है. रक्षाबंधन किस दिन मनाना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं. 11 या 12 कौन सा दिन सही होगा. 12 अगस्त की सावन पूर्णिमा (sawan purnima) को पंचक योग लग रहा है. इसके अलावा सौभाग्य योग, अभिजीत योग भी शामिल हैं. आइए जानते हैं कि इस साल रक्षा बंधन कब है.
इस बार दो दिन पूर्णिमा तिथि पड़ रही है 11 को जो पूर्णिमा है उसमें भद्रा नक्षत्र भी पड़ रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा में कोई शुभ काम नहीं किया जाता है. इस लिहाज से 12 को ही रक्षाबंधन मनेगा.

शुभ मुहूर्त 

तीन पंचांगो के अनुसार जिसमें श्रीहनुमान पंचांग, हृषिकेष पंचांग, महावीर पंचांग और अन्नपूर्णा पंचांग शामिल हैं. 11 अगस्त को सूर्योदय प्रात:  5 बजकर 30 मिनट में हो रहा है. इस दिन पूर्णिमा का मान दिन में 9 बजकर 35 मिनट पर है. लेकिन उसी समय यानि 9.35 दिन में पूर्णिमा के साथ भद्रा का भी प्रारंभ हो रहा है. भद्रा का साया रात्रि 8.25 तक है. 12 अगस्त को प्रात: सूर्योदय 5 बजकर 31 मिनट पर होगा और पूर्णिमा का मान प्रात: 7 बजकर 17 मिनट तक है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार रक्षा बंधन के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. दरअसल इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग (Ayushman and Saubhagya Yog) का निर्माण हो रहा है. आयुष्मान योग (Ayushman Yog) दोपहर 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसके बाद सौभाग्य योग शुरू हो जाएगा. सौभाग्य योग (Saughagya Yog) किसी भी शुभ कार्य के लिए मंगलकारी माना गया है. जबकि आयुष्मान योग में किए गए कार्य लंबे समय के लिए फलदायी होते हैं.

धार्मिक मान्यता है कि राखी बांधते वक्त भाई का मुंह पूरब दिशा की ओर और बहन का मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए. राखी बांधने के लिए सबसे पहले अपने भाई के माथे पर रोली-चंदन और अक्षत का टीका लगाएं. इसके बाद भाई को घी के दीपक से आरती करें. उसके बाद राखी बांधकर उनका मुंह मीठा कराएं. इसके बाद अगर संभव हो तो सप्रेम भोजन के लिए आग्रह करें.

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