जबलपुर। जबलपुर में Remdesivir Injection की कालाबाजारी मामले में गुरुवार की रात जबलपुर से सपन जैन नाम के व्यक्ति को गुजरात पुलिस ने हिरासत में लिया था। पुलिस की पूछताछ में सपन जैन के परिजन ने चौकाने वाले खुलासे किए हैं। जिसमें कुछ बड़े अस्पतालों के मालिक के नाम भी आए हैं।
आरोपी सपन जैन के परिजनों के मुताबिक लाखों रुपये के लेनदेन में सपन को गुजरात से इंजेक्शन लाने कहा गया था। जीएसटी नंबर के साथ बिल भी देने कहा गया था। साथ ही बताया कि इंजेक्शन अस्पताल में लाकर देना था, जो उसने डिलीवर भी कर दिए थे। पुलिस ने जैसे ही परिजनों से नामी सिटी अस्पताल का नाम सुना तो सन्न रह गए, पुलिस अब सपन जैन के परिजनों के बयान की सत्यता जानने में जुट गई है।
अधारताल थाना प्रभारी शैलेश मिश्रा के मुताबिक सपन जैन के चाचा सत्येंद्र जैन ने पूछताछ में बताया कि सिटी अस्पताल से उसके भतीजे को 70 लाख रुपये दवाई के लेना थे। मांगने पर सरबजीत सिंह मोखा ने उससे कहा कि तुम गुजरात से यह इंजेक्शन ले आओ उसके बाद मैं तुम्हें 50 लाख रुपए रिलीज कर दूंगा। जिसके लिए उन्होंने बकायदा नकली इंजेक्शन करने वाले डीलर का नंबर भी सपन जैन को दिया था।
घर से दो नकली इंजेक्शन बरामद
अधारताल पुलिस ने सत्येंद्र जैन के घर से दो इंजेक्शन जब्त किए हैं। पुलिस फिलहाल इंजेक्शन कहां से मिले, इसकी जांच में जुटी हुई है। साथ ही सपन जैन के साथी और परिजनों से भी लगातार पूछताछ की जा रही है। पुलिस का मानना है कि सपन जैन से जहां गुजरात पुलिस पूछताछ कर रही है, वहीं परिजनों से जबलपुर पुलिस जनाकारी लेगी। स्वास्थ्य विभाग-प्रशासन और पुलिस ने शनिवार को दवा बाजार स्थित भगवती फार्मा में भी जांच की। वहीं अधारताल स्थित एक दुकान में भी पुलिस ने जांच की है।
जारी किया बयान
नकली इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल का नाम आने के बाद अस्प्ताल मालिक सरबजीत सिंह मोखा की तबियत खराब हो गई है। उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है। वहीं उंन्होने अपना बयान जारी किया है जिसमें लिखा है कि जो भी आरोप लगाए गए है वह निराधार है। भगवती फार्मा सभी अस्पतालों को दवा सप्लाई करती है। इसी प्रकार सिटी हॉस्पिटल को भी दवा देती थी। पुलिस-प्रशासन अभी जांच कर रहा है आरोपी सपन जैन और परिजन खुद को बचाने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे है।