Research: गरीबी के कारण बढ़ रहा ब्लड प्रेशर, WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट
Blood Pressure Rising Due To Poverty: पिछले 30 वर्षों में हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में बड़ा परिवर्तन आया है। इसके मामले अधिक आय वाले देशों में घट रहे हैं और निम्न आय वाले मुल्कों में बढ़ रहे हैं। धनी देशों ने समय के साथ हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का तरीका सीख लिया है लेकिन गरीब देशों का क्या?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर के लोगों में ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन बढ़ने का कारण गरीबी और मोटापा भी है। मोटापा हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है। ज्यादातर लोगों का जानकारी न होने के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पाता।
WHO और इम्पीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं की हाई ब्लड प्रेशर पर इस संयुक्त शोध को दुनिया की मशहूर विज्ञान पत्रिका ‘लैंसेट’ ने छापा है। शोध के अनुसार, इस वक्त दुनियाभर में 150 करोड़ लोग हाइपरटेंशन से जूझ रहे हैं। जब किसी का ब्लड प्रेशर 140/90 के स्तर पर पहुंच जाता है तो इसे हाइपरटेंशन कहते हैं।
WHO का कहना है कि 2019 में 1.79 करोड़ लोगों की मौत हृदय रोगों से हुईं। इनसे एक तिहाई मौतों के लिए हाई ब्लड प्रेशर जिम्मेदार है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि हाइपरटेंशन के मरीज इस बीमारी को समझ ही नहीं पाते। इसके लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहते हैं।
इम्पीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर माजिद इज्जाती इसे गरीबी से जुड़ी स्थिति बताते हैं। उनके मुताबिक अफ्रीका, दक्षिण एशिया और पैसिफिक आइलैंड से जुड़े देशों में अब भी मरीजों को जो इलाज चाहिए, उन्हें नहीं मिल पा रहा है।