कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष के अलावा कई कांग्रेस नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि यह राज्य और एजेसिंयो के आम आदमी की जिंदगी में अतिक्रमण को रोकेगा। वहीं कांग्रेस को जवाब देने के लिए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि सरकार ने हमेशा कहा है कि निजता एक मौलिक अधिकार है।
9 जजों की बैंच बनने से पहले की सरकार यह कह चुकी है कि यह एक मौलिक अधिकार है। सुबह से कांग्रेस सरकार को निशाना बना रही है और उनके साथ लेफ्ट वाले भी खड़े हो गए हैं। लेकिन पहले कांग्रेस बताए कि व्यक्तिगत आजादी की रक्षा को लेकर उसका रिकॉर्ड क्या है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली भी राज्यसभा में कह चुके हैं कि आधार एक्ट इस बात को मानता है कि निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार आधआर को बिना किसी कानून के लेकर आई थी लेकिन मोदी सरकार ने आधार को लेकर बिल पेश किया।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसले का स्वागत करते हुए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि फैसला एक आम आदमी के अपने अधिकारों और आजादी के मामले में एक नए युग की शुरुआत करता है। यह आम आदमी की जिंदगी में राज्यों और एजेंसियों की अबाध घुसपैठ को रोकने का काम करेगा।
वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला फासिस्ट ताकतों को बड़ा झटका है। भाजपा की दबाव की विचारधारा को एक तगड़ा झटका है। इस फैसले का स्वागत करता हूं। यह हर भारतीय की जीत है।
इससे पहले कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। चिदंबरम ने फैसले को लेकर कहा कि हम फिर से अपनी आजादी का जश्न मना सकते हैं क्योंकि यह फैसला सरकार के लिए झटका है। आर्टिकल 21 जिंदगी और आजादी के आधिकार को लेकर है, इसके खिलाफ होने वाली चीजों से लड़ा जाना चाहिए। निजता अपनी आजादी का केंद्र है।