Run With RBI: रेपो रेट बढ़ने से ज्‍यादा EMI भरनी पड़ेगी

Run With RBI जब मार्केट में महंगाई बढती है तब आरबीआई रेपोरेट बढाता है

Run With RBI: आरबीआई RBI Governor ने 0.50 रेपो रेट बढाने की घोषणा की है।  इससे पहले भी 50 बेसिस प्‍वाइंट की ग्रोथ का एलान किया था। मालूम हो किRBI Governor आरबीआई ने 3 दिन चली बैठक में निर्णय के आधार पर गिरते रूपए को आधार देने के लिए रेपोरेट में चेंज करके करंसी की स्‍थिति को संभालने की कोशिश की है।इसके पहले मई माह में  एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को बढ़ाकर 4.90% कर दिया था।

आखिर क्‍यों बदली जाती है रेपो रेट, जानिए यहां

Repo rate रेपो रेट बढ़ने से सारे लोन Lone महंगे हो जाएंगे। दरअसल रेपो रेट वो दर होती है जिस पर आरबीआई दूसरे बैंकों को कर्ज मुहैया कराती है।

आखिर क्‍या है रिवर्स रेपो रेट

इसके विपरीत रिवर्स रेपो रेट उस ब्याज दर को कहते हैं जो आरबीआई के पास पैसा रखने पर केंद्रीय बैंक बैंको को देती है। इसलिए आमतौर पर यह माना जाता है कि अगर आरबीआई रेपो रेट घटाएगा तो बैंक ब्याज दर कम करेंगे और अगर आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंक ब्याज दर बढ़ाएंगे। इससे आम आदमी को मिलने वाला लोन महंगा हो जाएगा।

Example

माना कि  किशनचंद नाम के किसी व्यक्ति ने 6 महीने पहले 6.5% की दर पर बैंक से 10,00000 रुपये का लोन दस वर्ष के लिए लिया । उसके लोन की EMI उस समय 11,355 रुपये थी। उस समय से अब तक रेपो रेट में 150 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हो गई है। इसका मतलब यह हुआ कि बैंक ने उस वक्त जो लोन 6.5% की ब्याज दर पर लिया था उसपर वह कम से कम 1.5% या उससे अधिक चार्ज करेगा। अगर बैंक सबसे कम 1.5% ही अतिरिक्त ब्याज चार्ज करता है तो अब उपरोक्त लोन की ब्याज दर 6.5% से बढ़कर 8 प्रतिशत हो जाएगी। इस तरह किशनचंद के Loan पर अब नई EMI 8% के ब्याज दर के हिसाब से 12,133 रुपये प्रति महीने हो जाएगी। ऐसे में किशनचंद को अब बीते May  की तुलना में अपने लोन पर 778 रुपये अधिक चुकाना पड़ेगा।

फिक्स्ड ब्याज दर पर कोई चेंज नहीं होता

अगर आपने फिक्स्ड रेट पर बैंक से लोन लिया है तो रेपो रेट बढ़ने से आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसका असर केवल वेरिएबल दरों पर लिए गए कर्ज पर भी पड़ेगा। फिक्स्ड रेट पर लिए गए लोन पर आगे होने वाले उतार-चढ़ाव का असर ब्याज दरों पर नहीं होता है। वहीं वेरिएबल ब्याज दरों पर लिए गए लोन में बदलाव होता रहता है।

RBI आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस फैसले की जानकारी दी

केंन्द्रीय बैंक (Central Bank) की ओर से कहा गया है कि फैसला वर्तमान प्रभाव से ही लागू होगा। RBI आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने इस फैसले की जानकारी दी है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि महंगाई का खतरा अब भी बना हुआ है। उन्होंने कहा है कि चुनौतीपूर्ण समय में देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है। हमारा जीडीपी ग्रोथ सबसे बेहतर है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि पूरी दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। फाइनेंशियल मार्केट के सभी सेगमेंट में उथल-पुथल है। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। आरबीआई का अकोमोडेटिव रुख कायम है।

उन्होंने कहा कि सीपीआई हमारे लक्ष्य से ऊपर है इसलिए एमपीसी ने रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला लिया है। एमपीसी के छह में पांच सदस्यों ने रेपो रेट को बढ़ाने के पक्ष में फैसला दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी खर्च बढ़ने से लिक्विडिटी में सुधार होगा। FY23 में ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार दिख रही है। रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान FY23 के लिए 7 प्रतिशत है।

मार्केट में महंगाई बढती है तब आरबीआई रेपोरेट बढाता है

RBI Market रिजर्व बैंक बाजार में मुद्रा Currency के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए Repo Rate रेपो रेट का इस्तेमाल करता है। जब बाजार महंगाई की गिरफ्त में होती है तब RBI आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है। बढ़ी हुई रेपो रेट का मतलब होता है कि जो बैंक आरबीआई से पैसे लेंगे उन्हेंं वह पैसा बढ़ी हुई ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।

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