Russia Ukraine Conflict सेना फिर तैनात, कुछ ही घंटों में यूक्रेन पर हमला कर सकता रूस भारत ने अपने निवासियों को जारी की एडवाइजरी: 19 करोड़ लोग आज सोएंगे नहीं!
Russia Ukraine Conflict सेना फिर तैनात, कुछ ही घंटों में यूक्रेन पर हमला कर सकता रूस भारत ने अपने निवासियों को जारी की एडवाइजरी: 19 करोड़ लोग आज सोएंगे नहीं!
Russia Ukraine Conflict: ये बात पूरी दुनिया में फैल चुकी है कि रूस कुछ घंटों में यूक्रेन पर हमला कर सकता है. अब सवाल है कि ये बात कैसे फैली? दरअसल ये दावा किसी और का नहीं बल्कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की का है. जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर रूस के हमले को लेकर पोस्ट किया था.
जानें यूक्रेन के राष्ट्रपति ने क्या किया दावा
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दावा किया था कि 16 फरवरी को रूस यूक्रेन पर हमला करेगा. और इस तारीख को यूक्रेन एकता दिवस के रूप में मनाएगा. इस दौरान भी उन्होंने बातचीत से विवाद सुलझाने की पेशकश की थी.
हमले का खतरा मंडरा रहा है
लेकिन मामला बिगड़ता चला गया. अब वो तारीख सामने है और हमले का खतरा मंडरा रहा है. यूक्रेन से लेकर अमेरिका और NATO देशों को डर सता रहा है कि पुतिन कभी भी हमला कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इन देशों को पुतिन पर भरोसा नहीं है. इस बीच कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिससे युद्ध भड़कने के दावे को और अधिक बल मिलता है.
भारत ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों को वापस बुलाया
जैसे कि भारत ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों को वापस आने की एडवाइजरी जारी की है. साथ ही जो लोग भारत से यूक्रेन जाना चाहते हैं, उनसे अभी यूक्रेन नहीं जाने की अपील की है. इजरायल भी यूक्रेन से अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी पूरी कर चुका है. अमेरिका ने भी अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने की अपील कर चुका है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा जैसे देश अपने काउंसुलेट को यूक्रेन की राजधानी कीव से हटाकर लीव ले जा रहे हैं. अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी से रूस के हमले को लेकर जब पूछा गया तो उन्होंने ना तो पुष्टि की, ना ही खंडन किया .
रूस सबसे पहले यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला करेगा
एक इंटरनेशनल रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर युद्ध हुआ तो रूस सबसे पहले यूक्रेन की राजधानी कीव पर धावा बोलेगा. जंग की शुरुआत ज़मीन से होगी. और उसके बाद कीव में घुसकर रूस के सैनिक दुश्मनों पर टूट पड़ेंगे. रूसी सैनिक और टैंक यूक्रेन के अहम शहरों को घेर लेंगे. इसके अलावा लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर भी अलर्ट मोड पर होंगे.
बेलारूस में 30 हज़ार सैनिक युद्ध के लिए तैयार
बेलारूस में 30 हज़ार सैनिक युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार हैं. रूस और बेलारूस के सैनिकों का युद्धाभ्यास पिछले कई दिनों से जारी है. इस युद्धाभ्यास में यूक्रेन बॉर्डर के पास सुखोई-35 लड़ाकू विमान से लेकर एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम तक तैनात हैं. बेलारूस यूक्रेन का पड़ोसी देश है और रूस का अहम मित्र है. वहीं कालासागर में भी रूस की नेवी का युद्धाभ्यास जारी है.
युद्ध की लपटें शहरों और घरों तक पहुंच सकती हैं
हमले में 50 हज़ार आम लोगों की मौत हो सकती है
15 हज़ार से ज्यादा यूक्रेन के सैनिक मारे जा सकते हैं
4000 रूस के सैनिक मारे जा सकते हैं
बड़े पैमाने पर लोग विस्थापित होंगे
2014 में पूर्वी यूक्रेन में हुई लड़ाई में 14,000 लोग मारे गए थे
और क़रीब 14 लाख लोग विस्थापित हुए थे
रूस पर क्या असर पड़ेगा ?
रूस को SWIFT फाइनेशियल सिस्टम से बाहर किया जा सकता है
इस सिस्टम से दुनियाभर में एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसों का लेनदेन होता है
इससे रूस की अर्थव्यवस्था को तुरंत झटका लगेगा
रूस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पैसों का ट्रांसजेक्शन नहीं कर पाएगा
इससे रूस के तेल और गैस से मुनाफे में कमी आ जाएगी
रूस के रेवेन्यू का 40 फीसदी तेल और गैस से आता है
अमेरिका रूस पर यूएस डॉलर के लेनदेन पर भी रोक लगा सकता है
रूस यूएस डॉलर में भी ट्रांसजैक्शन नहीं कर पाएगा
पुतिन की छवि पर क्या असर होगा ?
पश्चिमी देश यूक्रेन में सैन्य विद्रोह को समर्थन दे सकते हैं.
ऐसे में पुतिन के लिए सालों तक जंग की कीमत झेलना मुश्किल हो जाएगा.
इससे अपने ही देश में पुतिन का समर्थन घट सकता है
पुतिन के नेतृत्व को चुनौती मिल सकती है.
रूस के संविधान बदलकर ताउम्र राष्ट्रपति बनने का जो कदम पुतिन ने उठाया है, वो मुद्दा फिर गरम हो उठेगा
सबसे बड़ा असर ये होगा कि महंगाई और बढ़ जाएगी…
तेल महंगा होगा.. महंगाई बढ़ेगी !
कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर से 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं
रूस एक दिन में 1 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन करता है
जो दुनियाभर की मांग का करीब 10% है
ईंधन की कीमत आसमान छूने लगेंगी
दुनिया भर के शेयर मार्केट्स में और ज्यादा गिरावट आएगी.
बड़ा असर यूरोप की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा…
यूरोप में बिजली महंगी हो जाएगी
यूरोप की 33% नेचुरल गैस रूस से आती है
यूक्रेनियन पाइपलाइन के जरिए रूस यूरोप को गैस सप्लाई करता है.
जर्मनी में गैस खपत का आधा हिस्सा रूस से आता है
युद्ध की वजह से अगर ये सप्लाई चेन प्रभावित होती है तो बिजली उत्पादन में कटौती करनी पड़ सकती है
साथ ही कारखानों को भी बंद करना पड़ सकता है.
हमला हुआ तो भारत पर क्या असर होगा?
भारत-यूक्रेन के बीच आपसी व्यावापर है
भारत यूक्रेन को दवाइयां और इलेक्ट्रिकल मशीनरी बेचता है
भारत यूक्रेन से खाने के तेल, खाद और न्यूक्लियर रिएक्टर जैसी जरूरी चीज़ें ख़रीदता
रूस के बाद यूक्रेन भारत को न्यूक्लियर रिएक्टर और बॉयलर के बड़े सप्लायर में से एक है
इसकी आपूर्ति में बाधा आने से न्यूक्लियर एनर्जी का काम भारत में धीमा पड़ सकता है
कच्चे तेल की कीमतों से तो भारत की अर्थव्यस्था बहुत ज्यादा प्रभावित होती है.
जैसे ही तेल की कीमतें बढ़ेंगी, पहले से ही महंगाई झेल रही जनता पर और भी दबाव बढ़ेगा.
यही नहीं कच्चे तेल के लिए ज्यादा डॉलर खर्च करने का नतीजा ये होगा कि देश का व्यापार घाटा और बढ़ेगा.
इसके अलावा यूक्रेन में काफी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.
जंग शुरू होने पर उनकी सुरक्षा की चिंता होगी