Russia-Ukraine War के कई जिलों के छात्र छात्राएं यूक्रेन में हैं। ये सभी एजुकेशन के लिए यहां गए थे। अब तक जो जानकारी मिली उसके मुताबिक 47 छात्र का पता लगा है जो युक्रेन में हैं। इन छात्रों के परिजनों की सांसें अटकी हुई हैं. फिलहाल उनके देश वापस आने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही. ऐसा इसलिए, क्योंकि यूक्रेन में सभी हवाई और समुद्र के रास्ते बंद हैं. मिली जानकारी के मुताबिक यूक्रेन में मध्य प्रदेश के 47 छात्र फंसे हैं. सभी के यूक्रेन में सुरक्षित होने की सूचना है. इन सभी को वहां के भारतीय दूतावास के सम्पर्क में रहने को कहा गया है. कटनी जिले की एक छात्रा भी यूक्रेन में है। जो सुरक्षित है। गर्ल्स कॉलेज में पदस्थ लैब टेक्नीशियन हेमलता सिंह की पुत्री सुनिधि यहां मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।
किस जिले से कितने छात्र
मध्य प्रदेश के जिलों के छात्र यूक्रेन में फंसे हैं उनमें सबसे ज्यादा भोपाल, इंदौर और धार जिले के हैं. जानकारी के मुताबिक, भोपाल के 9, इंदौर के 3, ग्वालियर के 4, धार के 4, उज्जैन के 4, देवास के 4, रायसेन के 3 छात्र, सीहोर के 2 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इसके अलावा कटनी, जबलपुर, छिन्दवाड़ा, मुरैना, नर्मदापुरम. डिंडोरी, टीकमगढ़, छतरपुर, खरगोन, बड़वानी, सागर, बालाघाट जिलों का 1-1 छात्र फंसा हुआ है।
सिंधिया बोले: भारत सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध
यूक्रेन के मुद्दे पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान भी सामने आया है. सिंधिया के मुताबिक भारत सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है. पिछले दिनों जो लोग यूक्रेन से वापस आने के इच्छुक थे, उनके लिए फ्लाइट्स चलाई गईं. एयर इंडिया द्वारा भी फ्लाइट रवाना की गईं, लेकिन यूक्रेन में एयर स्पेश बंद होने से फ्लाइट को वापस भारत आना पड़ा. जल्द ही एयर बेस वहां खोला जाएगा और दोबारा लोगों को लाने की कोशिश की जाएगी.
भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया से बात
भारत सरकार लगातार अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के प्रयास कर रही है. शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की तरफ से सरकार की टीमों की जानकारी साझा की गई है, जो भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया में काम कर रही है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय नागरिकों और खासतौर से छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था.