LIVE Day 2 Russian-Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के हमले का 25 फरवरी, गुरुवार को दूसरा दिन है। हमले तेज हो गए हैं। अब तक 137 यूक्रेन नागरिकों की मौत हो चुकी है। रूस को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इस बीच, युद्ध के दूसरे दिन (LIVE Day 2 Russian-Ukraine War) यूक्रेन के लिए बुरी खबर आई। अमेरिका और नाटो देशों ने यूक्रेन में सेना भेजने से इन्कार कर दिया है। इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस द्वारा बड़े पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद पहले दिन 130 से अधिक यूक्रेनियन मारे गए हैं। ऐसे हालात में पूरी दुनिया ने उन्हें जंग के मैदान में अकेला छोड़ दिया है।
पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात की
रूसी राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के मुताबिक पुतिन ने पीएम मोदी को बताया कि डोनबास के आम नागरिकों पर कीव से चलने वाली सरकार ने आक्रामक कार्रवाई की. मिंस्क समझौते का उल्लंघन भी किया गया और इसके अलावा यूक्रेन में अमेरिका और नाटो की मदद से सामरिक तौर पर जो गतिविधियां चल रही थीं. इन सबकी वजह से ही रूस को सैन्य कार्रवाई का फैसला लेना पड़ा.
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से जो बातचीत की उसका आधार दिल्ली में यूक्रेन की ओर से की गई ये इमोशनल अपील भी थी. जिसमें यूक्रेन के राजदूत ने भारत और रूस के बेहतर संबंधों की याद दिलाते हुए पीएम मोदी से बातचीत करने और टेंशन खत्म कराने की अपील की थी.
Russian-Ukraine War रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को 48 घंटों से अधिक का वक्त हो गया है और दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति के ताजा बयान से जंग जल्द खत्म होने की उम्मीद बढ़ी है। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने ताजा बयान में झुकने के संकेत दिए हैं। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि हम रूस से वार्ता को तैयार हैं। गुजारिश करते हैं कि सब कुछ खत्म हो, इससे पहले रूस राष्ट्रपति वार्ता के लिए तैयार हो जाएं। अब रूस के जवाब की पूरी दुनिया को प्रतिक्षा है। Ukraine LIVE: रूसी सेनाओं ने बुधवार को ही बेलारूस के रास्ते यूक्रेन में प्रवेश कर लिया था। ताजा खबर है कि रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंच चुकी है।। कीव में लगातार हवाई हमले हो रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, आशंका है कि किसी भी वक्त यूक्रेन में सरकार को गिराया जा सकता है। रूस और उसके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुरू से यही चाहते हैं कि वहां उनके समर्थन वाली सरकार हो और रूस अपने इस लक्ष्य पर कभी भी पहुंच सकता है।