Sarkari Naukri MP, Rojgar samachar प्रदेश में रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार जल्द ही प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रही है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों और कलेक्टरों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी है। इसमें बैकलॉग के पद भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगले सप्ताह भर्ती की स्थिति को लेकर समीक्षा भी करेंगे। मालूम हो, प्रदेश सरकार ने हाल ही में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के आदेश जारी किए हैं। यह व्यवस्था भी इसी तारतम्य में की जा
काफी समय से भर्ती नहीं होने की वजह से करीब एक लाख पद रिक्त हैं। इनमें सर्वाधिक पद शिक्षा, गृह, राजस्व विभाग में खाली हैं। इसके कारण कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से जैसे-तैसे व्यवस्था बनाई जा रही है। वहीं, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। युवा रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं।
इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्वीकृत पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे पर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का पेच फंस गया। इसके कारण भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो रही थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता से आरक्षण की स्थिति को लेकर अभिमत मांगा था। दरअसल, सरकार ने नौकरियों में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था, जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
पुरुषेन्द्र कौरव ने लंबित याचिकाओं से जुड़े मामलों को छोड़कर किसी में भी 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर रोक नहीं होने का अभिमत दिया। इसके आधार पर मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके मद्देनजर सभी विभाग और कलेक्टरों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी है। इसमें बैकलॉग के पदों की स्थिति बताने के लिए भी कहा गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री जल्द ही रिक्त पदों पर भर्ती की तैयारियों को लेकर समीक्षा करेंगे।
62 विभागों के 48 हजार स्थायीकर्मियों को पिछले पांच साल से वेतनवृद्धि नहीं मिली है। इन्हें महंगाई भत्ता का लाभ भी नहीं दिया गया है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया है कि सरकार ने सात अक्टूबर 2016 को निर्देश दिए थे कि स्थायीकर्मियों को भी शासकीय कर्मचारी के समान ही समय-समय पर वेतनवृद्धि और महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाएगा। कांग्रेस सरकार अपने के बाद स्थायीकर्मियों को यह लाभ देना बंद कर दिया था, जो अभी भी बंद है।