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School Bag जिला शिक्षा अधिकारी DEO हर 3 माह में स्कूलों में बस्ते के वजन का औचक निरीक्षण करेंगे

School Bag जिला शिक्षा अधिकारी DEO हर 3 माह में स्कूलों में बस्ते के वजन का औचक निरीक्षण करेंगे

School Bag जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ) हर तीन माह में स्कूलों में बस्ते के वजन का औचक निरीक्षण करेंगे

प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए सरकार ने स्कूल बैग में किताबों का वजन तय कर दिया है। यह वजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार तय किया गया है। साथ ही सप्ताह में एक दिन बिना बस्ते के पढ़ाई होगी। इस दिन व्यावसायिक से संबंधित गतिविधियां कराई जाएंगी। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। स्कूल बैग में राज्य शासन एवं एनसीईआरटी द्वारा द्वारा निर्धारित पुस्तकें ही विद्यार्थियों के बस्ते में होना चाहिए। हालांकि पालक महासंघ का कहना है क एनसीईआरटी की किताब के संबंध में स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं। इसे स्कूलों को सीधे निदेर्शित करना चाहिए था।

हर कक्षा के हिसाब से बस्ते का वजन तय किया गया है। अब 10वीं कक्षा के विद्यार्थी का साढ़े चार किलो से अधिक का बस्ते का बोझ नहीं होगा। जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ) हर तीन माह में स्कूलों में बस्ते के वजन का औचक निरीक्षण करेंगे। डीईओ अपने जिले में रेंडमली स्कूलों का चयन कर प्रत्येक तीन माह में स्कूल बैग के वजन की जांच करेंगे और बस्ते का वजन निर्धारित सीमा में हो, यह तय करेंगे। इस आदेश में कहा गया है कि पूर्व में बस्ते के वजन को लेकर तीन जुलाई 2019 को दिशा-निर्देश जारी किए थे। राज्य शासन द्वारा इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दृष्टि से स्कूल बैग पालिसी 2020 लागू किया गया है। वहीं पालक महासंघ का कहना है कि शासन की मंशा ही नहीं है कि इस पालिसी का पालन कराया जाए। 52 जिला शिक्षा अधिकारी दो लाख स्कूलों के एक करोड़ विद्यार्थियों के बस्ते के वजन का निरीक्षण कैसे करेंगे। यह संभव ही नहीं है।

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