नई दिल्ली SEBI Strict Rules। प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए नियम कड़े करते हुए सेबी (SEBI) ने भविष्य में अज्ञात अधिग्रहण के लिए निर्गम से प्राप्त रकम के उपयोग की सीमा तय कर दी है।आरक्षित धन की निगरानी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा की जाएगी।यह जानकारी 14 जनवरी को जारी एक अधिसूचना में दी गई है।
इसके साथ ही, महत्वपूर्ण शेयरधारकों द्वारा पेश किए जा सकने वाले शेयरों की संख्या को सीमित कर दिया है। इसके अलावा, नियामक ने एंकर निवेशकों की लॉक-इन अवधि को 90 दिनों तक बढ़ा दिया है और अब सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए आरक्षित धन की निगरानी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा की जाएगी।यह जानकारी 14 जनवरी को जारी एक अधिसूचना में दी गई है।
नियामक ने कहा कि यदि कोई कंपनी ऑब्जेक्ट के अपने प्रस्ताव दस्तावेजों में भविष्य के इनऑर्गेनिक ग्रोथ निर्धारित करती है, लेकिन किसी अधिग्रहण या निवेश लक्ष्य की पहचान नहीं करती है, तो ऐसे ऑब्जेक्ट की राशि और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य (जीसीपी) के लिए राशि कुल जुटाई जाने वाली राशि के 35 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
14 जनवरी को जारी एक अधिसूचना में दी गई है।
सेबी ने कहा, “ऐसे ऑब्जेक्ट्स के लिए यह राशि निर्धारित की गई है, जिनकी जारीकर्ता कंपनी ने अधिग्रहण या निवेश लक्ष्य की पहचान नहीं की है, जैसा कि मसौदा प्रस्ताव दस्तावेज में निर्गम के ऑब्जेक्ट्स में उल्लिखित है…जारीकर्ता द्वारा जुटाई जा रही राशि के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।”