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हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अवधेश प्रसाद शुक्ला(कक्का बाबू) पंचतत्व में विलीन 

जबलपुर के रानीताल मुक्तिधाम में राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, छोटे सुपुत्र अधिवक्ता रमा शंकर शुक्ला ने दी मुखाग्नि 

कटनी। मूलतः उपनगरीय क्षेत्र छपरवाह के प्रतिष्ठित नागरिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित अवधेश प्रसाद शुक्ला(कक्का बाबू) का आज 29 जनवरी 2025, बुधवार(मौनी अमावस्या) की सुबह दुःखद हो गया।

97 वर्षीय कक्का बाबू पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे तथा चिकित्सकों की सलाह पर घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। इसी दौरान आज मौनी अमावस्या को उन्होंने अंतिम साँस ली। अपने वक़ालत के पेशे के कारण वो काफी पहले छपरवाह छोड़कर जबलपुर के ब्यौहार बाग में रहने लगे थे। जबलपुर में रहने के बावजूद उनका कटनी से लगाव कम नहीं हुआ तथा वो लगातर कटनी के विकास के लिए प्रयास करते रहे।

मुड़वारा स्टेशन के पास फुट ओवर ब्रिज का निर्माण रेल्वे को उन्हीं के द्वारा हाइकोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका के कारण कराना पड़ा। इसके अलावा मिशन चौक क्षेत्र और झर्रा टिकुरिया, मंगलनगर में अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद सड़क का चौड़ीकरण भी प्रशासन ने उन्हीं के प्रयासों से किया। जीवन के अंतिम दिनों में भी वो नर्मदा नहर के माध्यम से नर्मदा जल ठरका जलाशय में पहुंचाने के लिए प्रयास करते रहे।

उनका मानना था कि ठरका जलाशय के माध्यम से नर्मदा जल शहर से होकर गुजरी जीवन दायनी नदियों क्रमशः कटनी नदी, कौहारी नदी, सिमरोल नदी(माई नदी), निवार नदी में पहुंच जाएगा और कटनी शहर की पेयजल समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। नदियों से जल किसानों और मवेशियों के लिए भी आसानी से उपलब्ध होगा।

भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने की वज़ह से उन्हें राष्ट्रपति ने भी राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया था। जबलपुर के रानीताल मुक्तिधाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित अवधेश प्रसाद शुक्ला(कक्का बाबू) का अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे सुपुत्र अधिवक्ता रमा शंकर शुक्ला ने मुखाग्नि दी। इस दौरान उन्हें गाड ऑफ आनर भी दिया गया।

पंडित अवधेश प्रसाद शुक्ला उपनगरीय क्षेत्र छपरवाह के प्रतिष्ठित नागरिक पूर्व हेड टीसी स्वर्गीय श्री बट्टी लाल शुक्ला के छोटे भाई थे। अंतिम संस्कार में परिजनों, गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, अधिवक्ताओं, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति रही।

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