मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की नाराजगी के बाद शाजापुर SP पंकज श्रीवास्तव को हटाया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की नाराजगी के बाद शाजापुर SP पंकज श्रीवास्तव को हटाया
MP News: शाजापुर। वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चाैहान ने शाजापुर एसपी पंकज श्रीवास्तव को जमकर फटकार लगाई। मुख्यमंत्री की नाराजगी के कुछ घंटे बाद ही एसपी को शाजापुर से हटा दिया गया। उज्जैन पीटीएस एसपी जगदीश डाबर को शाजापुर एसपी बनाया गया है। जिले में लगातार सामने आ रही चोरी की वारदातों को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की थी। मीटिंग में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार, कलेक्टर दिनेश जैन के साथ ही जिले के विधायक भी शामिल रहे।
आईपीएस पंकज श्रीवास्तव कांग्रेस सरकार के समय जून 2019 में शाजापुर जिले में बताैर एसपी पदस्थ किए गए थे। अब उन्हें गुना एसपी बनाया गया है। बता दें कि गुना में हाल ही में शिकारियों द्वारा तीन पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद वहां के एसपी राजीव मिश्रा को हटा दिया गया था। अब एसपी पंकज श्रीवास्तव को गुना की कमान दी गई है। एेसे में आईपीएस श्रीवास्तव के सामने पुलिस का मनोबल बढ़ाना ही सबसे बड़ी चुनाैती होगा। इधर, शाजापुर में एसपी पंकज श्रीवास्तव के कार्यकाल में भी पुलिस पर हमले के आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। वहीं चोरी की वारदातों पर लगाम नही लगा पाने को लेकर तो मुख्यमंत्री ही नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
मुश्किल से होती है चोरी की रिपोर्ट
जिले में चोरी की वारदातों से पुलिस महकमा भी खासा परेशान से है। इससे राहत के लिए पुलिस बदमाशों पर सख्ती करने की बजाय चोरी की रिपोर्ट दर्ज न करके अपने हाथ बचाने की कोशिश करती है। एेसा चोरी के कई मामलों में सामने आ चुका है। जिले में कई उदाहरण हैं जिनमें चोरी की वारदात के कई दिन बाद तक एफआईआर दर्ज नही हुई। कुछ दिन पहले ही एसपी बंगले के पास कोतवाली थाना क्षेत्र में सहकारी संस्था के कर्मचारी का साढ़े पांच लाख रुपए से भरा बैग बदमाश चुरा ले गए थे। इस मामले में भी वारदात के कई दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई। इस तरह के कई उदाहरण जिला मुख्यालय के अकेले कोतवाली थाने में ही मिल सकते हैं।
लंबे समय से थी बदलाव की चर्चा
जिले के पुलिस महकमे के मुखिया एसपी पंकज श्रीवास्तव के तबादले की चर्चा काफी समय से थी। सूत्रों का कहना था कि एसपी श्रीवास्तव भी शाजापुर से बेहतर जिले में पदस्थी के लिए प्रयासरत थे। माना जा रहा है कि उनके प्रयास सफल हुए और मुख्यमंत्री की नाराजगी के बावजूद उन्हें गुना जिले में पदस्थी मिल गई। एसपी श्रीवास्तव की पदस्थापना के दाैरान जिले को कुछ उपलब्धियां मिली तो कई बार पुलिस की किरकिरी भी हुई। श्रीवास्तव के कार्यकाल में पुलिस पर हमले के मामले भी सामने आए। वहीं चोरियों की वारदात को लेकर तो मुख्यमंत्री की नाराजगी ने ही स्थिति सामने ला दी है।