Shardiya Navratri 2022 : डांडिया या गरबा नवरात्रि का एक खूबसूरत और पारंपरिक हिस्सा है। नौ दिनों तक माँ की आराधना के साथ चलने वाले नृत्य के इस विशेष आयोजन से पूरा माहौल ऊर्जा और उल्लास से भर जाता है। यूं गुजरात में तो हर घर में, हर उम्र और वर्ग का व्यक्ति डांडिया की धुन पर थिरकता है लेकिन देश के लगभग हर हिस्से में गरबों का आयोजन इसी धूमधाम के साथ किया जाता है। नृत्य व संगीत की यह आकर्षक और सुरीली परम्परा सबको एक सूत्र में बांध देती है।
गरबे या डांडिए में जितनी महत्वपूर्ण भूमिका हाथों की ताली या डांडिए के संचालन की होती है उतना ही महत्वपूर्ण होता है फुट वर्क। पैरों का सही तरीके से चलना डांडिए को और भी खूबसूरत बनाता है। नौ दिनों के इस उल्लास भरे आयोजन के पहले इसलिए ही विशेषकर रिहर्सल क्लासेस संचालित की जाती हैं। ताकि वे लोग भी गरबे करना सीख सकें जिन्होंने अब तक इसे नहीं किया है। यह एक बहुत अच्छी एक्सरसाइज भी है। अक्सर लोग उत्साह और जोश में गरबे करना तो शुरू कर देते हैं लेकिन इसके लिए खास मेहनत करने वाले पैरों की सेहत को नजरअंदाज करने लगते हैं। ऐसे में दर्द, सूजन या कई मामलों में फ्रेक्चर जैसी स्थितियां जन्म ले सकती हैं। यही नहीं थकान इतनी होती है कि गरबों का आनंद, निराशा और तकलीफ में बदल जाता है।
इसलिए जरूरी है कि कुछ बातों का ध्यान रखा जाये।
इन बातों का ध्यान जरूर रखें
स्ट्रेचिंग पूरे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। पैरों के लिए भी इसका लाभ लें। यदि आप पहले से किसी विशेषज्ञ से इसे सीख रहे हैं या सीख चुके हैं तो आपको इन्हें करने का सही तरीका मालूम होगा। अन्यथा किसी से सीख कर इनको अपनाएं। इन 4 स्ट्रेचिंग को आप प्रयोग में ला सकते हैं-
1. डाउनवर्ड फेसिंग डॉग- यह पैरों के साथ साथ पूरे शरीर को स्ट्रेच करने में मदद करेगा। योगक्रिया में भी पैरों को मजबूत बनाने के लिए इस तरह की क्रिया का उपयोग होता है।
2. बैठकर पंजों को हाथों से छूना- यह एक बहुत ही सामान्य और बेसिक स्ट्रेचिंग है लेकिन जरूरी नहीं कि इसमें सबके हाथ पंजों तक पहुंचें ही। कुछ लोग घुटनों से थोड़ा आगे ही हाथ ले जा पाते हैं, तो कुछ लोग पंजों को अच्छी तरह पकड़ कर पूरे शरीर को मोड़ लेते हैं। आप उतना ही करें जितना आपका शरीर इजाजत दे। जबरदस्ती शरीर पर दबाव न डालें।
3. कुर्सी पोज- यह भी अक्सर योगक्रिया के दौरान सिखाया जाता है। दोनों हाथों को आगे की ओर फैलाकर, पैरों को मोड़कर कुर्सी की स्थिति में धीरे धीरे बैठना, कुछ देर उसी स्थिति में रुकना और फिर धीरे धीरे खड़े होना।
4. वॉरियर पोज- इस पोज में एक पैर को आगे बढ़ाकर, घुटने से हल्का सा मोड़ते हुए, दोनों हाथों को जोड़कर धीरे धीरे ऊपर ले जाना है। हाथों को फैलाते हुए अगल-बगल भी ले जा सकते हैं और फिर वापस धीरे धीरे सामान्य स्थिति में आना है।
फायदे- उपरोक्त स्ट्रेचिंग पैरों को मजबूती देने के साथ ही मांसपेशियों को लचीला भी बनाने में भी मदद करेंगी। इससे आप डांडिया का हर स्टेप आसानी से कर सकेंगे और बिना थकान नृत्य को एन्जॉय कर सकेंगे। ये स्ट्रेचिंग कूल्हों, जाँघों, काफ मसल्स (पैरों के पीछे की ओर मौजूद मांसपेशियां) और शिंस (पैर के निचले हिस्से में सामने की ओर स्थित), टखनों, तक सभी हिस्सों को फायदा पहुंचाती हैं और इससे दर्द, थकान को भी दूर करने में मदद मिल सकती है।
ये भी जरूर करें-
स्ट्रेचिंग के अलावा आप रोज ब्रिस्क वॉक, इनडोर या आउटडोर साइकिलिंग, रस्सी कूदने जैसे तरीकों से भी पैरों की मांसपेशियों को लचीला और मजबूत बनाये रख सकते हैं। ध्यान सिर्फ इतना रखना है कि कोई भी एक्सरसाइज ओवर न हो। ताकि शरीर पर दबाव न पड़े। चूँकि इस समय आप पहले से गरबे जैसी एक्सरसाइज कर रहे होते हैं, ऐसे में ज्यादा दबाव शरीर के लिए मुश्किल भी खड़ी कर सकता है।
एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग के दौरान हमेशा ब्रेक या पॉज जरूर लें। दिनभर आपके पैरों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए उन्हें भी आराम जरूरत होती है। दिनभर में कुछ समय पैरों को पूरा आराम दें और बिस्तर, सोफे आदि पर इन्हें एक सीध में लम्बा फैलाकर बैठें या लेटें। इससे रक्त संचार को सुचारू होने में मदद मिलेगी और थकी हुई मांसपेशियों को मदद मिलेगी।