Shrimad Bhagwat कटनी के छपरवाह में श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनकर श्रद्धालु झूम उठे और कथा स्थल पूरी तरह से श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंज उठा। उधर श्रद्धालु कथा के दौरान सुनाए गए भक्तीमय भजनों पर झूमते हुए नजर आए।
इस दौरान कृष्ण जन्म होने की खुशी में श्रद्धालु भजनों की धुनों पर झूम उठे। उल्लेखनीय है कि पंडित स्वर्गीय सुरेंद्र प्रसाद तिवारी व स्वर्गीय श्रीमती सावित्री तिवारी की स्मृति में उनके सुपुत्र संतोष तिवारी व सतीश तिवारी के द्वारा 20 अप्रैल से 28 अप्रैल तक उपनगरीय क्षेत्र छपरवाह में श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कंचनपुर सतना के पंडित अवधेश कुमार त्रिपाठी ने कथा में कृष्ण जन्म लीला का वर्णन बहुत ही मधुर संगीत तथा आकर्षक झांकी द्वारा सुनाया।
आज श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास अवधेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि भाद्र कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि भगवान बालक के रूप में प्रकट हुए। जहां से वासुदेव श्रीकृष्ण को टोकरी में रखकर गोकुल के लिए चल दिए। रास्ते में यमुना नदी पार करते समय बारिश आ गई। बारिश से बचाव के लिए नागराज अपना धाम छोड़ आए और भगवान श्रीकृष्ण को भीगने से बचाया। किसी तरह से वासुदेव गोकुल पहुंच जाते हैं और वहां श्रीकृष्ण को छोड़कर वापस लौट आते हैं। श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनकर श्रद्धालु खुशी से झूम उठे और उन्होंने श्रीकृष्ण के जयकारें लगाए।