भोपाल। राजधानी के सियासी माहौल में शुक्रवार को काफी सरगर्मी रही। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त (वीडी) शर्मा के बीच लंबा मंथन हुआ। प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी पर सहमति बनाने पर देर रात तक चर्चा हुई। उधर, मंत्रीपद के दावेदारों ने अलग-अलग जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की। 28 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव के परिणाम के 24 दिन बाद दोनों नेताओं के बीच संगठन विस्तार से लेकर कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा हुई।
फरवरी में प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालने के बाद कोरोना सहित उपचुनाव और अन्य कारणों से भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है। शर्मा फिलहाल सिर्फ पांच महामंत्रियों के साथ संगठन चला रहे हैं। प्रदेश सहित सभी जिलों में कार्यकारिणी के गठन का मामला लंबित है।
पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी के नाम पर दो दौर की चर्चा हुई। रात्रि में प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर फिर मुख्यमंत्री के साथ बातचीत हुई। माना जा रहा है कि सहमति बनने के बाद प्रदेश कार्यकारिणी की टीम केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी। इधर, कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि चर्चा तो सभी मुद्दों पर होती है लेकिन कैबिनेट का मुद्दा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर शनिवार तक फैसला
मंत्रीपद के दावेदारों ने अलग-अलग जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला मुख्यमंत्री शनिवार तक ले सकते है। बिना किसी शोरगुल के सिर्फ दो सिंधिया समर्थकों को शपथ दिलाई जा सकती है या समूचा विस्तार का कार्यक्रम 2021 तक टाला जा सकता है।