Skyroot Rocket Of India: देश के पहले निजी रॉकेट की लॉन्चिंग, स्काईरूट एयरोस्पेस का मिशन हुआ ‘प्रारंभ’ देश के पहले निजी रॉकेट विक्रम-एस को आज आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया गया।
अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पस की ओर से इस विकसित रॉकेट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने लॉन्च किया।
भारत के निजी क्षेत्र के लिए नई शुरूआत
सुबह 11:30 बजे इस रॉकेट ने उड़ान भरी। पहले इस रॉकेट को 15 नवंबर को लॉन्च किया जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे आज प्रक्षेपित किया गया। INSPACe के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने कहा कि यह भारत के निजी क्षेत्र के लिए नई शुरूआत है जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं और एक ऐतिहासिक क्षण हैं।
वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत के स्पेस इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए एक बड़ा कदम है और विश्व समूह के समुदाय में एक सीमावर्ती राष्ट्र के रूप में भी उभर रहा है। यह भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
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बता दें, स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है, जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड हैं। इस मिशन को स्काईरूट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि यह उन 80 प्रतिशत तकनीकों को मान्यता दिलाने में मदद करेगा, जिनका उपयोग विक्रम-1 कक्षीय वाहन में किया जाएगा, जिसे अगले साल प्रक्षेपित करने की योजना है।
कई कंपनियां बना रहीं सैटेलाइट और रॉकेट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि अंतरिक्ष तकनीक और नवोन्मेष के क्षेत्र में इसरो के साथ काम करने के लिए100 स्टार्ट-अप समझौता कर चुके हैं। सोमनाथ बृहस्पतिवार को बंगलुरू टेक समिट-2022 में आर एंड डी – इनोवेशन फॉर ग्लोबल इंपेक्ट विषय पर बोल रहे थे।
इस दौरान उन्होंने बताया कि 100 में से करीब 10 ऐसी कंपनियां हैं, जो सैटेलाइट और रॉकेट विकसित करने में जुटी हैं। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान तृतीय की जानकारी देते हुए बताया कि यह जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि कई अभियान ऐसे हैं, जिनपर इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
अंतरिक्ष तकनीक के जीवन के तमाम क्षेत्रों में उपयोग पर चर्चा
अंतरिक्ष तकनीक के जीवन के तमाम क्षेत्रों में उपयोग पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, अंतरिक्ष अभियानों के लिए जो तकनीक और नवोन्मेष किए जाते हैं, उनका रोजमर्रा की जिंदगी में भी कई तरह से इस्तेमाल होता है। बहुत से स्टार्ट-अप खासतौर पर इसी पहलु पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसरो भारत सरकार के स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और स्मार्ट विनिर्माण प्रक्रियाओं का अहम भागीदार है।