Solar Eclipse 2021: खगोलविदों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर, दिन शविवार को लग रहा है। इस दिन मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि है। शनिवार के दिन अमावस्या तिथि होने के कारण शनि अमावस्या या शनैश्चरी अमावस्या का संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि अमावस्या तिथि का सूर्य ग्रहण बहुत विशिष्ट माना जाता है। हालाकिं ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक मान्य नहीं होगा। लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ये बहुत ही महत्वपूर्ण सूर्य ग्रहण है।आइए जानते हैं इस सूर्य ग्रहण के बारे में सभी महत्वपूर्ण बातें…
1-सूर्य ग्रहण का समय –
सूर्यग्रहण 4 दिसंबर की सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा, जो दोपहर 03 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। यह सूर्यग्रहण लगभग चार घंटे तक चलेगा।
2- कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण –
साल का आखिरी सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका,दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया और अटलांटा में दिखाई देगा। भारत में ये सूर्य ग्रहण देखा नहीं जा सकेगा।
3-आशिंक या उपछाया ग्रहण –
ये सूर्य ग्रहण आशिंक या उपछाया सूर्य ग्रहण है। इस सूर्य ग्रहण में सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी पूरी तरह से एक सीध में नहीं रहेंगे। आशिंक सूर्य ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल और अशुभ प्रभाव भी पूरी तरह मान्य नहीं होगा।
4- सूतक काल –
ज्योतिषशास्त्र में ग्रहण के अशुभ प्रभाव काल को सूतक काल के नाम से जाना जाता है। जो कि ग्रहण शुरू होने 12 घंटे पहले शुरू होता है और ग्रहण की समाप्ति के साथ समाप्त हो जाता है। ये ग्रहण आशिंक या उपछाया ग्रहण है इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
5- सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव –
सूर्य ग्रहण का ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व है। हालांकि ये सूर्य ग्रहण आशिंक या उपछाया सूर्य ग्रहण है इसलिए इसका प्रभाव सीमित ही रहेगा। इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। लेकिन ये सूर्य ग्रहण शनि अमावस्या के दिन लगने के कारण विशेष प्रभाव का है।
6- राशियों पर प्रभाव-
ज्योतिष गणना के अनुसार ये सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है। इसलिए ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ये ग्रहण वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए शुभ है। जबकि शेष राशि वालों के लिए अशुभ प्रभाव दे रहा है।
7- सूर्य ग्रहण पर क्या करें-
हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना जाता है, इसलिए इस काल में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ग्रहण काल में भोजन करना या बाहर जाना भी सही नहीं माना जाता है। मान्याता है कि इस काल में अपने इष्ट या सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान करके ही अन्य कार्य करें।