Somvati Amavasya 2022: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करे और दान-पुण्य करने की परंपरा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या पर पितरों के तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। वह उनका आशीष मिलता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष 30 मई को ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की सोमवती अमावस्या कृतिका नक्षत्र में आरंभ होकर रोहिणी नक्षत्र तक रहेगी। इस दिन सुबह 06.39 मिनट से रात्रि 12.30 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
क्यों कहा जाता हैं सोमवती अमावस्या?
सोमवार के दिन होने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती है। भगवान शिवजी और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन शंकर और मां गौरी की आराधना करने से सुहागिनों के पति की आयु लंबी होती है। पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ता है। इसके अलावा निसंतान औरतें संतान प्राप्ति के लिए सोमवती अमावस्या का व्रत रखती हैं।
सोमवती अमावस्या पर किए गए दान-पुण्य और पवित्र नदी में स्नान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। जीवन से नकारात्मकता दूर होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए।