Stop Train ट्रेन के ड्राइवर लोको पायलट ने नास्ते की खातिर ट्रेन रोक दी? खबर कुछ अजीब सी है। लेकिन वायरल होते वीडियो में ऐसा ही दिख रहा है। मामला राजस्थान का है। यहां रेल के इंजन का ब्रेक लगाकर लोको पायलेट रोजाना कचोरी लेता था। लोको पायलट की मनमानी के कारण फाटक बंद होने से परेशान लोगों ने उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। भिवानी-अलवर – मथुरा पैसेंजर ट्रेन का लोको पायलट नाश्ते के लिए प्रतिदिन इंजन को अलवर के दाउदपुर फाटक पर रोकता था। इस दौरान फाटक के दोनों तरफ जाम लगता और लोग परेशान होते थे। लोको पायलट की इस मनमानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
लोको पायलट हर रोज कचौरी लेने के ट्रेन को रोक देता था। अब उसपर कार्रवाई हुई है।#Railway pic.twitter.com/8F9KQLIlrt
— Hindustan (@Live_Hindustan) February 24, 2022
क्या कहता है नियम?
रेलवे के नियमों के अनुसार किसी भी ट्रेन को स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, लोको पायलट या रेलवे का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी एक मिनट भी अपनी मर्जी से नहीं रोक सकता है। ट्रेन के अराइवल व डिपार्चर की सूचना तुरंत रेलवे कंट्रोल को देनी पड़ती है। अगर कोई इमरजेंसी हादसा होता है या किसी कारणवश ट्रेन रुकती तो उसकी जानकारी भी रेलवे कंट्रोल को देनी होती है और उनकी मर्जी के अनुसार ही ट्रेन को रोका जाता है।
इसके साथ ही रेलवे फाटक बंद करने व खोलने की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर की होती है। ट्रेन के संचालन में समय का खास ध्यान रखा जाता है। बिना कारण व बिना किसी की अनुमति के ट्रेन के रुकने पर कर्मचारी व अधिकारियों की नौकरी तक चली जाती है।
नाश्ते के लिए इंजन को रोका
अलवर में लोको पायलट व रेलवे कर्मचारियों की मनमानी चल रही है। इसका जीता जागता उदाहरण अलवर जंक्शन के पास ही देखने को मिला। अलवर जंक्शन से दिल्ली की तरफ जाने वाली रेल मार्ग पर जंक्शन से कुछ दूरी पर पड़ने वाले दाउदपुर रेलवे फाटक पर भिवानी अलवर मथुरा पैसेंजर का लोको पायलट प्रतिदिन नाश्ते के लिए इंजन को रोकता है। यह रेलवे फाटक खासा भीड़भाड़ वाला है।
शहर के बीच में होने के कारण यह वाहनों की लंबी कतार लगती है। उसके बाद भी लोको पायलट मनमानी करता है। यह खेल लंबे समय से जारी है। दुकान संचालक रोजाना कचोरी पैक कर देता था लोको पायलेट को जब तक कचोरी नही मिलती तब तक इंजन खड़ा रहता है।
वीडियो हुआ वारयल
रेलवे फाटक के पास की दुकान से लोको पायलट रेलवे कर्मचारियों के लिए नाश्ता पैक होता है। जो वीडियो सामने आया है उसमें नजर आ रहा है कि रेलवे फाटक के पास की दुकान का एक कर्मचारी फाटक पर तैनात रेलवे कर्मी को नाश्ते का पैकेट देता है। उसके बाद जैसे ही इंजन रेलवे फाटक पर पहुंचता है व इंजन के ब्रेक लगते हैं।
नाश्ते का पैकेट इंजन से उतरे एक कर्मचारी को दिया जाता है। नाश्ता लेने के बाद रेलवे के कर्मचारी पैसा देता है और इंजन आगे बढ़ता है। इन सब के बीच रेलवे फाटक के दोनों तरफ लोग खड़े रहते हैं और फाटक खुलने का इंतजार करते हैं। इस प्रक्रिया में खासा समय लगता है। लेकिन रेलवे के अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।