Swati Singh मंत्री पत्नी की टिकट कटी तो पति हुए खुश, बोले उचित निर्णय, दोनों थे रेस में
मंत्री पत्नी की टिकट कटी तो पति हुए खुश, बोले उचित निर्णय
BJP Candidate List Swati Singh बीजेपी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 17 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की. इस सूची में प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह Swati Singh का नाम नहीं है. वह और उनके पति दयाशंकर सिंह दोनों लखनऊ जिले के सरोजनी नगर से चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी से टिकट के लिए होड़ में थे. पति पत्नी के बीच की रस्साकशी को देखते हुए, बीजेपी ने दोनों को ही उम्मीदवार न बनाकर राजेश्वर सिंह को इस सीट से मैदान में उतार दिया है. इससे यह विवाद तो खत्म हो गया, लेकिन एक ही सीट के लिए पति-पत्नी के बीच झगड़ा राजनीति के अखाड़े में चर्चा का विषय बना हुआ है.
पत्नी स्वाति सिंह को टिकट न मिलने पर पति दयाशंकर सिंह खुश
खबरों के मुताबिक, दयाशंकर सिंह ने राजेश्वर सिंह को टिकट मिलने पर बेहद खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि वह राजेश्वर सिंह को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे. दयाशंकर सिंह ने अपने और राजेश्वर सिंह के संबंधों पर बात करते हुए कहा कि, राजेश्वर सिंह भी बलिया से हैं और वह भी वहीं से आते हैं, और दोनों के बीच पारिवारिक संबंध भी हैं.
आपको बता दें, स्वाति सिंह सरोजनी नगर से वर्तमान में विधायक भी हैं. वहीं दयाशंकर सिंह यूपी बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष है और ओबीसी मोर्चा के इंचार्ज भी हैं. दयाशंकर सिंह ने पार्टी के जरिये आपसी लड़ाई की वजह से टिकट कटने की बात से इनकार किया है. उन्होंने इस संबंध में कहा कि, “पार्टी जिसे समझती है कि वह चुनाव में जीत दिला सकता है, उसे ही टिकट दिया जाता है. राजेश्वर सिंह को टिकट देने का फैसला पार्टी ने लिया है. पार्टी ने हमारे लिए भी कुछ अच्छा ही सोचा होगा. टिकट कटने के सवाल पर दयाशंकर ने कहा कि कई परिवारों के टिकट कटे हैं. इसमें तकलीफ जैसी कोई बात नहीं है.
कौन हैं राजेश्वर सिंह जिन्हें बीजेपी ने यहां से बनाया है उम्मीदवार
राजेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा (UPPPS) से साल 2007 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर गए थे. उन्होंने चुनाव में लड़ने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary Retirement) ले ली है.
उनकी गिनती सुपरकॉप में होती थी. 2009 में उत्तर प्रदेश पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर वह ईडी में शामिल हुए थे. उन्हें 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल कर लिया गया था. वह कई हाई प्रोफाइल केस से जुड़े रहे हैं, जैसे टूजी स्पेक्ट्रम, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला जैसे कई मामलों की जांच की और सुर्खियों में बने रहे. खाकी छोड़ खादी अपनाने वाले राजेश्वर सिंह के लिए यह लड़ाई आसान नहीं होगी.