अफगानिस्तान की जमीं से अमेरिका की सेना की रवानगी के साथ ही तालिबान के हौंसले बढ़ गए हैं। आतंकी संगठन ने एक के बाद एक शहर पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। ताजा खबर है कि तालिबान ने अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर कब्जा कर लिया है। एक ट्वीट कर संगठन ने यह दावा किया। समाचार एजेंसी एएफपी ने इसकी पुष्टि की है। इस बीच, भारत ने अफगानिस्तान में रह रहे सिखों और हिंदुओं से कहा है कि वे देश छोड़ दें और किसी तरह की मदद चाहिए तो भारत से सम्पर्क करें। वहीं अमेरिका समेत अन्य देशों ने भी अपने नागरिकों को वहां से से निकालने की कवायद शुरू कर दी है। तालिबान के लड़ाकों की नजर अब राजधानी काबुल पर है।
आतंकी संगठन ने 12 प्रांतीय राजधानी पर किया कब्जा
अफगानिस्तान में कंधार के बाद काबुल ही सबसे बड़ा शहर आता है। जब से अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापस आई है, तब से ही तालिबान पूरी ताकत के साथ इस पर अपना हक जमाने में लगा हुआ है। अपनी इसी कोशिशों के चलते उसने अब तक कई इलाकों में कब्जा कर लिया है। कंधार पर स्थायित्व जमाने से पहले गुरूवार को तालिबान ने दो और प्रांतीय राजधानी गजनी और हेरात पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद काबुल पर कब्जा करना तालिबान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस प्रकार से ये आंतकी संगठन ने अब तक 12 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है।
कंधार के बाद तालिबान का अगला टारगेट
कंधार पर कब्जा कर लेने के बाद जाहिर सी बात है, अब तालिबान आतंकियों का अगला टारगेट काबुल ही रहने वाला है। इस आतंकी संगठन की अगर बात करें तो यह महज काबुल से 130 किलोमीटर की दूरी पर ही है। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि तालिबान काबुल पर कब्जा करने में ज्यादा समय नहीं गवाएंगा वह मात्र एक महीने के भीतर ही उसे घेर लेगा और 3 महीने के अंदर उस पर अपना कब्जा जमा लेगा। अफगानिस्तान के प्रांत गजनी पर तालिबान के कब्जे के साथ ही काबुल को दक्षिणी प्रांतों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण हाईवे कट गया है। इसे लेकर स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि गजनी शहर के बाहर स्थित एक सैन्य दल और खुफिया ठिकाने पर लड़ाई चल रही है।
अफगानिस्तान के कई इलाके तालिबान के कब्जे में
तालिबानियों का कहर अफगानिस्तान के कई इलाकों पर दिखने लगा है। आतंकी संगठन ने यहां के अधिकतर इलाकों में अपना कब्जा जमा लिया है। इन इलाकों में जरांज, शेबरगान, सर-ए-पुल, कुंदुज, तालोकन, ऐबक, फराह, पुल ए खुमारी, बदख्शां, गजनी, हेरात और कंधार पर कब्जा कर लिया है। जबकि लश्कर गाह मेें अभी भी भीषण लड़ाई जारी है। वहीं तालिबान के तेजी से बढ़ते कदम को देखते हुए अफगान सरकार समझौते की बात भी कर रही है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति सत्ता के बंटवारे जैसा कोई फैसला भी ले
अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए अमेरिका प्रयासर
अफगानिस्तान के काबुल से अमेरिका अपने कुछ कर्मियों को वापस लाना चाहता है यह काबुल के दूतावास में है। इन्हें लाने के लिए अमेरिका अपने अतिरिक्त सैनिक भेजने वाला है। एक अधिकारी ने बताया कि ये सैनिक अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों की वापसी में मदद करेंगे। इस बारे में पेंटागन के प्रेस सचिव जाॅन किर्बी ने घोषणा की कि अमेरिका रक्षा विभाग काबुल से एंबेसी के कर्मचारियों को निकालने के लिए अफगानिस्तान में सेना भेजेगा। उन्होंने का कि अगले 24-48 घंटों में काबुल हवाई अड्डे पर 3 बटालियनों को उतारा जाएगा इन बटालियनों में 3000 सैनिक रहेंगे।