कटनी – राज्य शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में प्राचार्य डॉक्टर इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक श्रीमति मंजू द्विवेदी एवं विवेक चौबे के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण में रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के अंधाधुंध असंतुलित मात्रा में उपयोग करने से भूमि में कार्बन का स्तर निरंतर घटनें के कारण मृदा की भौतिक रासायनिक एवं जैविक गुणों में गिरावट आई है। प्रशिक्षण के दौरान भविष्य में मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता को संरक्षित तथा टिकाऊ बनाए रखने के लिए जैविक खेती की आवश्यकता की जानकारी दी गई। विद्यार्थियों को फसलों के लिए आवश्यक 17 प्रकार के पोषक तत्वों मुख्य द्वितीय एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों के विषय में बताया गया। रासायनिक खादों के असंतुलित उपयोग से पौधों को सभी पोषक तत्व उपलब्ध नहीं हो पाते सभी पोषक तत्वों की पूर्ति जैविक खातों से होती है। मिट्टी परीक्षण से किसान सही समय पर सही मात्रा में सही प्रकार के पोषक तत्वों को खेती में प्रयोग कर उचित उत्पादन एवं लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान मिट्टी परीक्षण से भूमि में अम्लीयता क्षारीयता विद्युत चालकता जैविक कार्बन नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश की जानकारी प्राप्त होती है मिट्टी नमूना जांच के बाद प्राप्त सिफारिश के अनुसार खाद डालने की जानकारी दी गई। मिट्टी परीक्षण के लिए मिट्टी नमूना लेने हेतु गर्मी में गेहूं की कटाई के बाद खेत से प्रति हेक्टर 15 से 20 नमूना लेकर बतलाई गई विधि से 500 ग्राम मिट्टी को नमूना पत्रक के साथ मिट्टी नमूना मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भेजने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।