Terrorist in Bhopal राजधानी का इस्तेमाल आतंकवादी एक सराय की तरह करते हैं
Terrorist in Bhopal राजधानी का इस्तेमाल आतंकवादी एक सराय की तरह करते हैं
Terrorist in Bhopal : MP को भले ही देश में शांति का टापू के नाम से जाना जाता है, लेकिन इसकी राजधानी का इस्तेमाल आतंकवादी एक सराय की तरह करते हैं। प्रदेश में जब भी कोई देश विरोधी घटना सामने आती है, तो उसके तार भोपाल से जरूर जुड़ते हैं। सिमी आतंकी खंडवा जेल ब्रेक के बाद हवलदार की हत्या कर फरार हो गए थे। राजधानी के जहांगीराबाद इलाके में पनाह लेकर उन्होंने भोपाल टाकीज के पास मणप्पुरम गोल्ड बैंक में डाका डालकर 12 किलो सोना और नकदी लूट लिया था। भोपाल जेल के प्रधान प्रहरी रमाशंकर यादव की हत्या कर सिमी आतंकी फरार भी हुए थे। हालांकि अगले ही दिन पुलिस ने उन्हें राजधानी के ग्रामीण इलाके में एनकाउंटर में मार गिराया था।
अगस्त 2010 में भोपाल टाकीज चौराहा के पास मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी से 12 किलो सोना एवं 41 हजार रुपये लूट लिए थे। वारदात को आठ लोगों ने अंजाम दिया था। इस मामले में पुलिस ने प्रतिबंधिक संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था। दो अभी भी फरार बताए जाते हैं। सिमी के ये खूंखार सदस्य जहांगीराबाद एवं शाहजहांनाबाद में भी रह चुके थे। इस मामले में राजधानी की अदालत ने वर्ष-2018 में आतंकी अबु फैजल व इकरार को उम्र कैद की सजा सुनाई है। डकैती में शामिल चार लोग जेल ब्रेक के बाद एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
वर्तमान में भोपाल सेंट्रल जेल में सिमी के 23 सदस्य मौजूद हैं। इनमें से सात लोगों को अहमदाबाद की एक अदालत में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का दोषी करार दिया है। इसके तहत छह लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। एक को उम्र कैद की सजा से दंडित किया है। मृत्युदंड की सजा सफदर नागौरी, कमरुद्दीन नागौरी, आमिल परवेज, हाफिज गुलबर्गा, शादुली एवं सिवली को मिली है। अंसार को आजीवन कारावास की सजा मिली है।