उर्वरक विक्रय केन्द्रों में खाद उपलब्धता का नियमित निरीक्षण नहीं करने और कर्मचारियों की केन्द्रवार ड्यूटी नहीं लगाने पर तीन अधिकारियों को नोटिस जारी

कलेक्टर ने उप संचालक कृषि, सहायक आयुक्त सहकारिता और जिला विपणन अधिकारी से तीन दिन में मांगा स्पष्टीकरण का जवाब

कटनीकलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने शासकीय सहकारी समितियों और निजी उर्वरक विक्रय केन्द्रों में खाद उपलब्धता का नियमित निरीक्षण नहीं करने और निर्देशों के बाद भी अधीनस्थ कर्मचारियों की केन्द्रवार ड्यूटी नहीं लगाये जाने पर तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और तीन दिन के भीतर इन अधिकारियों से लिखित में जवाब प्रस्तुत करने निर्देशित किया है।

इन्हें मिला नोटिस

कलेक्टर श्री यादव ने उपसंचालक किसान कल्याण और कृषि विकास मनीष मिश्रा, सहायक आयुक्त सहकारिता राज यशवर्धन कुरील और जिला विपणन अधिकारी अमित तिवारी को समय-समय पर समय-सीमा और कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी आदि विभाग की विभागीय गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

कलेक्टर के ये…थे निर्देश

कलेक्टर श्री यादव ने क़ृषि और इसके आदान की उपलब्धता विशेष कर रबी फसल की बोनी के मद्देनजर विक्रय केन्द्रों में प्रतिदिन खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने, उर्वरक विक्रय केन्द्रों की नियमित निगरानी और दुकान के बाहर सूचना पटल पर उपलब्ध खाद की मात्रा और दर सूची लगवाने के साथ- साथ प्रत्येक खाद विक्रय केन्द्र की निगरानी के लिए कर्मचारी की तैनाती के निर्देश उपसंचालक कृषि, सहायक आयुक्त सहकारिता और जिला विपणन अधिकारी को दिए थे। लेकिन इन तीनों अधिकारियों द्वारा कलेक्टर श्री यादव के उपरोक्त निर्दैशो का पालन नहीं किया गया।

कलेक्टर ने जताया असंतोष

कलेक्टर श्री यादव ने बीते मंगलवार को रीठी प्रवास के दौरान बहुउद्देशीय सहकारी समिति रीठी का औचक निरीक्षण किया था। यहां उन्हें उनके दिए निर्देशों का पालन होना नहीं पाया गया। कलेक्टर ने मौके पर ही तीनों अधिकारियों को तलब कर खाद उपलब्धता जैसे गंभीर और महत्वपूर्ण मामले के प्रति उनकी लचर , ढीली और संवेदनहीन कार्यप्रणाली के प्रति असंतोष व्यक्त किया था।इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री शिशिर गेमावत भी मौजूद थे।

किसान हित सर्वाेपरि

कलेक्टर श्री यादव ने क़ृषि, सहकारिता और विपणन के जिला अधिकारियों को दो टूक शब्दों में हिदायत देते हुए कहा कि – किसी भी स्थिति में उनके लिए अन्नदाता किसानों का हित सर्वाेपरि है। विशेष कर तब जब जिले में रबी फसल की बोनी का कार्य जोरों पर है और किसान भाइयों को यूरिया और डीएपी खाद की आवश्यकता होती है। लेकिन सहकारी और निजी उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर खाद उपलब्धता की नियमित पर्यवेक्षण और निगरानी नहीं किए जाने तथा खाद वितरण की पुख्ता व्यवस्था नहीं बनाने की वजह से खाद के लिए किसान भाइयों को अनावश्यक परेशान होना पड़ रहा है।

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