Two Finger Test दुष्कर्म पीड़िताओं के टू-फिंगर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। एक मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा है कि टू फिंगर टेस्ट रेप पीड़िताओं के लिए दोबारा आघात है। कोर्ट ने कहा, बलात्कार के मामलों में टू-फिंगर टेस्ट करने वाले व्यक्ति कदाचार के दोषी होंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में अध्ययन सामग्री से इस टेस्ट को हटाने के भी निर्देश जारी किए।
Two Finger Test टू फिंगर टेस्ट पितृसत्तात्मक सोच पर आधारित
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि टू फिंगर टेस्ट इस पितृसत्तात्मक सोच पर आधारित है कि यौन रूप से सक्रिय महिला के साथ दुष्कर्म नहीं हो सकता। इस टेस्ट पर नाराजगी जाहिर करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, पीड़ित के यौन इतिहास के साक्ष्य के लिए टू-फिंगर टेस्ट महत्वपूर्ण नहीं है।
Two Finger Test आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
एक मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी को बरी करने के हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने टू-फिंगर टेस्ट को असंवैधानिक माना था।