Ulkapind के पीलीभीत में कल उस वक्त हड़कंप मच गया जब कुछ लोगों ने दावा किया कि एक पत्थर आसमान से गिरा जो उल्कापिंड अर्थात कोई टूटा हुआ तारा है। अब तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान शासन प्रशासन की ओर से नहीं आया है। आसमान से गिरने के बाद काफी देर तक पत्थर को छूने पर गरम महसूस किया जा रहा था. पत्थर को लेकर लोगों का दावा है कि यह एक उल्का पिंड है.
पूरा मामला पीलीभीत शहर के इनायतगंज मोहल्ला का है. यहां रघुवर सिंह की कोठी के पास रहने वाले सुनील गुप्ता के यहां रात करीब 1 बजे आसमान से तेज धमाके के साथ बमनुमा आकार का (धातु टुकड़ा) हिस्सा गिरने से आसपास के इलाके में दहशत फैल गई. आसमान से गिरी वस्तु की आवाज इतनी तेज थी कि पूरे मोहल्ले वासियों को धमाका सुनाई दिया. आसमान से गिरा यह पिंड 7 घंटे बाद भी हीटिंग दे रहा था. इसके गिरने से घर की दीवार भी चटक गई और लोहे की चादर भी टेड़ी हो गई.
आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं, उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल की भाषा में टूटते हुए तारे कहते हैं. उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुंचता है उसे उल्का पिंड कहते हैं. प्रत्येक रात को उल्काएं अनगिनत संख्या में देखी जा सकती हैं, लेकिन इनमें से पृथ्वी पर गिरने वाले पिंडों की संख्या बहुत कम होती है. वैज्ञानिक दृष्टि से इनका महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि एक तो ये अति दुर्लभ होते हैं,