भोपाल । समाज में उल्लेखनीय बदलाव लाने की इच्छा एक इंजीनियर को लोक सेवा के क्षेत्र में न सिर्फ ले आती है बल्कि देशभर में गौरवान्वित भी करती है। हम बात कर रहे हैं संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में देश में दूसरा स्थान हासिल करने वाली भोपाल की जागृति अवस्थी की। जागृति बताती हैं कि उन्होंने निश्चय किया कि वे इंजीनियरिंग छोड़कर एकाग्रता के साथ इस परीक्षा की तैयारी करेंगी। वे महिला वर्ग की टापर बनी हैं।
जागृति का मानना है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में समाज को लेकर कुछ उल्लेखनीय कार्य करना मुमकिन नहीं था, इसलिए लोक सेवा की राह का चयन किया। उनका कहना है कि वे समाज में कुछ ऐसा परिवर्तन लाना चाहती हैं जिससे तीस-चालीस साल बाद जब भी वे किसी मुकाम पर पहुंचें तो लोग कहें कि उन्होंने समाज में बड़ा बदलाव किया।
शिवाजी नगर में रहने वालीं, होम्योपैथिक डाक्टर की बेटी जागृति 2017 में मैनिट से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल) में सेवाएं देने लगी थीं। दो साल तक काम करने के बाद भी उन्हें इंजीनियरिंग रास नहीं आई। जून 2019 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में भाग्य आजमाया, हालांकि सफलता नहीं मिली लेकिन इरादे मजबूत थे।
जागृति अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ भाई डा. सुयश अवस्थी को देती हैं। एमबीबीएस कर चुके सुयश ने जागृति को बीएचईएल की नौकरी छोड़ने की हिम्मत दी और यूपीएससी की तैयारी में हर समय पूरा सहयोग किया। जागृति ने बताया कि जुलाई 2019 से मैंने तैयारी शुरू की और एक साल पूरे समर्पण से तैयारी की।
उन्होंने बताया कि शुरुआती माह आठ से दस घंटे की ही पढ़ाई होती लेकिन इसके बाद दस से बारह घंटे तक प्रतिदिन पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करनी होती है। यही मेरी तैयारी का राज है, जिसकी बदौलत मैंने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया