VHP ने मोखा को किया संगठन से बाहर, परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने वर्चुअल मीटिंग में लिया निर्णय

जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने सरबजीत सिंह मोखा को जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. यह निर्णय विहिप की उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।

विहिप के महाकौशल प्रांत मंत्री राजेश तिवारी ने बताया कि नकली इंजेक्शन के मामले में जबलपुर पुलिस की जाँच में विहिप के जिला अध्यक्ष सरबजीत सिंह मोखा का नाम आया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद वर्चुअल बैठक में उन्हें तत्काल प्रभाव से अध्यक्ष के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है।

श्री तिवारी के अनुसार बैठक के बाद विश्व हिंदू परिषद ने पुलिस प्रशासन से माँग की है कि नकली इंजेक्शन के मामले में निष्पक्ष जाँच के साथ जो भी दोषी हो उन पर कानूनी कार्रवाई करें। सबरजीत सिंह मोखा वर्ष 2015 में कार्यकारी अध्यक्ष की हैसियत से विहिप के माँ नर्मदा जिला में शामिल हुए थे, करीब तीन वर्ष से वे नर्मदा जिला के जिलाध्यक्ष के दायित्व पर थे।

सरबजीत सिंह मोखा शहर के सिटी हॉस्पिटल का संचालक है. इस अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लगभग 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाने के आरोप लगे हैं. वहीं इस मामले में संचालक मोखा को पुलिस ने आरोपी बनाया है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विहिप ने यह कड़ा कदम उठाया है. विहिप द्वारा किसी जिला अध्यक्ष को पद हटाए जाने का यह संभवत: प्रदेश का पहला मामला है.

सरबजीत सिंह मोखा है फरार

इस पूरे मामले में ओमती थाना पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज सपन जैन और देवेन्द्र चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन पुलिस के अस्पताल पहुंचने से पहले सरबजीत सिंह मोखा फरार हो गया. जिसकी गिरफ्तारी की कोशिश जारी है।

 

 

 

 

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