नई दिल्ली. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने के एक साल बाद VIJAY RUPANI ने बड़ा खुलासा किया है. रूपाणी ने कहा है कि इस्तीफे से एक रात पहले उन्हें भाजपा के “हाईकमान” द्वारा इस्तीफा देने के लिए कहा गया था. रूपाणी ने 11 सितंबर 2021 को अपने पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि बीजेपी हाईकमान ने इस्तीफे के लिए कहा और अगले दिन उन्होंने पद छोड़ दिया. उन्होंने आगे कहा कि ना तो उन्होंने हाईकमान से इसका कारण पूछा और ना ही किसी ने उनको कारण बताया.
उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा कि अगर मैंने कारण पूछा होता तो मुझे यकीन है कि उन्होंने मुझे इसका कारण बताया होता. लेकिन मैं हमेशा से पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता रहा हूं. मैंने हमेशा वही किया है जो पार्टी ने मुझसे करने के लिए कहा है. पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री बनने का आदेश दिया तो मैं बन गया. जब पार्टी ने मुझसे कहा कि वे मेरा पद वापस ले रहे हैं तो मैंने उन्हें खुशी-खुशी ऐसा करने को कहा.
‘इस्तीफा मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ सौंपा’
उन्होंने आगे कहा कि अपनी पार्टी से निर्देश प्राप्त करने के कुछ घंटों बाद उन्होंने बिना किसी विरोध या गुस्से के 21 सितंबर 2021 को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंप दिया. रूपाणी ने कहा कि एक अच्छे कार्यकर्ता के रूप में मैं कभी भी पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं गया. मैंने अपना इस्तीफा मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ सौंपा, न कि उदास चेहरे के साथ.
एक साल बाद BJP ने पंजाब का प्रभारी किया नियुक्त
रूपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के ठीक एक साल बाद भाजपा ने उन्हें पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है. अपने इस नए कार्य को वह राष्ट्रीय राजनीति में अपनी उन्नति के रूप में देख रहे हैं. उन्होंने इसे लेकर इंटरव्यू में कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि पार्टी ने मुझे पहले शहर के स्तर पर, फिर क्षेत्रीय स्तर पर काम सौंपा और मैंने उसी के अनुसार काम किया. मुझे राज्य स्तर पर चार साल के लिए महासचिव के रूप में जिम्मेदारी दी गई और अंत में मुख्यमंत्री के तौर पर सेवा करने करने का मौका मिला. अब मुझे राष्ट्रीय स्तर पर एक नई जिम्मेदारी सौंपी गई है.
रूपाणी ने यह भी कहा कि वह इस साल के अंत में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों में गहरी दिलचस्पी लेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भाजपा दो-तिहाई बहुमत से जीते. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास अगले पांच सालों में पंजाब में भाजपा को एक मजबूत विपक्ष बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और लोकप्रियता को भुनाकर 2027 में पंजाब में सत्ता हासिल करने का होगा.