Village women will be able to check mid-day meal : सरकार मध्यान भोजन में गडबडी रोकने के लिए गांव की महिलाओं को तैनात कर रही है। इसमें गांव की वह महिलाएं जिने बच्चो पाठशाला में पढ रह है उनकी माताएं स्कूल में भोजन की क्वालिटी को चेक कर सकती है।
स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को किस तरह का मध्यान्ह भोजन (पोषण आहार) दिया जा रहा है- इसका परीक्षण गांव की महिलाएं कर सकेंगी। जिला प्रशासन की ओर से संकेत दिए गए हैं जिले के सभी गांवों में अनुशरण समितियां तैयार की जाएंगी, जिसमें शामिल सदस्य कभी भी अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में कभी भी भोजन की जांच कर सकते हैं।
जिले की नया गांव प्राथमिक शाला में बच्चों को परोसे गए मध्यान्ह भोजन में मेंढक मिलने के मामले का असर दूर होगा। प्रशासन ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए मामले की जांच के तो निर्देश दिए ही हैं। साथ ही एक नई व्यवस्था तैयार किए जाने के संकेत भी प्रशासन ने दिए हैं।
कलेक्टर डा. इलैयाराजा टी का कहना है कि स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचने वाले बच्चों को हर हाल में गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपनी ओर से तो प्रयास करेगा ही, आमजन की भी इस व्यवस्था में सहभागिता का खाका तैयार किया जा रहा है।
ग्राम स्तर पर अनुशरण समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों में गांव की महिलाओं को ही रखा जाएगा। समितियों की महिला-सदस्य किसी भी दिन मध्यान्ह भोजन के समय बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन के स्वाद एवं गुणवत्ता का परीक्षण कर सकेंगी। इस तरह से उनको यह भी पता चलता रहेगा कि गांव के बच्चों को किस तरह का भोजन परोसा जा रहा है।