WHO Warning on Omicron : अगर हमने ओमिक्रॉन वेरिएंट को हल्के में लिया, तो बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ये कहना है WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस का। उन्होंने कहा कि अब तक 77 देशों ने इसके पहुंचने की जानकारी दी है। लेकिन हमारा मानना है कि अब ये दुनिया के अधिकांश देशों में पहुंच गया है, क्योंकि संभव है कि वहां इसकी पहचान नहीं हुई हो या इसका पता ही नहीं चला हो।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि ओमिक्रॉन जिस रफ्तार से फैल रहा है, वैसी रफ्तार अब तक किसी वेरिएंट में नहीं देखी गई है। उन्होंने ये भी कहा कि लोग इस वेरिएंट को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, लेकिन अब तो हमने सीखा है उसके मुताबिक इसे कम आंकना विनाश को बुलावा देने जैसा है। ओमिक्रॉन से भले ही मरीज में बीमारी के गंभीर लक्षण ना दिखते हों, लेकिन इसके मामलों की संख्या ही इतनी ज्यादा होगी की तमाम स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जाएंगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने एक और चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस बात को पुख्ता तौर पर कहा जा सकता है कि इसके गंभीर प्रभावों को रोकने में वैक्सीन की क्षमता कमतर साबित हुई है। वहीं हल्के लक्षण या संक्रमण को रोकने में वैक्सीन उतना असरदार नहीं है, जितना बाकी वेरिएंट के मामले में था। उन्होंने वैक्सीन के बूस्टर डोज के बारे में कहा कि मैं इसका विरोधी नहीं हूं, लेकिन अभी ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे ये कहा जा सके कि बूस्टर डोज से इसका संक्रमण पक्के तौर पर रुक सकता है। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज की अनुमति देने से कई देशों में इसकी जमाखोरी शुरु हो जाएगी और गरीब देशों तक वैक्सीन की डोज का पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।