कटनी। भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली तथा स्व सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए बकरी पालन का 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यह प्रशिक्षण संस्था के संचालक पवन कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक सुनील रजक तथा अनुपम पांडे के सहयोग से प्रशिक्षक राम सुख दुबे द्वारा दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान बकरी पालन से होने वाले लाभ, देशी एवं विदेशी नस्ल की बकरियां में होने वाले विभिन्न रोग तथा उनके नियंत्रण व टीकाकरण की जानकारी दी गई। लघु सीमांत कृषकों, मजदूर गरीब लोगों के लिए बकरी पालन अतिरिक्त आय का साधन है। इसे कम जगह में कम खर्चे पर पाला जा सकता है। मनुष्य के लिए दूध ऊन तथा खाल का प्रमुख स्रोत है बकरियों की देसी और विदेशी नस्ल दूध मांस एवं ऊन देने वाली नस्लों की विस्तृत जानकारी दी गई।
बकरियों में होने वाले जीवाणु जनित रोग निमोनिया, जहरीले दस्त, संक्रामक गर्भपात, तिल्ली ज्वर, गलघोटू , थनैला रोग विषाणु जनित वायरस रोग के अंतर्गत खुर पका, मुंह पका, बकरी का प्लेग एवं बाह्य एवं आंतरिक परजीवी रोग उनके नियंत्रण तथा टीकाकरण का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में संस्था के कर्मचारी राजेश विश्वकर्मा , ओमप्रकाश तिवारी , अरुण रजक का प्रशिक्षण कराने में सराहनीय सहयोग रहा।